- 9 वां दीक्षांत भातखंडे का धूमधाम से मनाया गया
- 34 मेडल कुल बांटे गये
- 3 पीएचडी डिग्री बांटी गई
- 18 मेडल गर्ल्स के खाते में
- 16 मेडल ब्वॉयज के खाते में
- भातखंडे ने मनाया अपना 9वां दीक्षांत समारोह
- डॉ। उमा शर्मा की कथक प्रस्तुति ने बांधा समां
- छात्राओं ने हासिल किये सबसे ज्यादा मेडल
LUCKNOW: संगीत एक साधना के साथ आत्मा की भाषा भी है। अच्छा संगीत, शब्द और भाषा से परे है। इससे मानव को सुख, उल्लास तथा दिव्यानंद की अनुभूति होती है। ऐसे में दीक्षांत किसी भी संस्थान के लिए गर्व व उत्साह का दिन होता है। स्टूडेंट्स से यही कहूंगी कि मानवता, प्रेम व समता को पहचानते हुये आगे काम करें। ये बातें मंगलवार को कलामंडपम सभागार में भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह के दौरान कुलाध्यक्ष व गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहीं। इस दौरान चीफ गेस्ट पद्मभूषण डॉ। उमा शर्मा, वीसी प्रो। श्रुति सडोलीकर काटकर सहित अन्य लोग माैजूद रहे।
देश-विदेश से छात्र आते है
दीक्षांत की शुरुआत वंदे मातरम गायन के साथ हुई। इसके बाद संस्था के छात्रों ने कुलगीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में गवर्नर ने बताया कि भातखंडे प्रदेश का एकमात्र संगीत संस्थान है, जिसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। देश-विदेश से विद्यार्थी भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
जल्द सफलता के पीछे न भागे
चीफ गेस्ट पद्मभूषण डॉ। उमा शर्मा ने बताया कि गुरु सर्वोच्च होता है। आजकल कलाकार दो साल सीखते हैं और प्रस्तुति देने लगते हैं जबकि मेरे गुरु ने मुझे 15 साल तक प्रस्तुति नहीं देने दी। अपने एक एनुअल फंक्शन में उन्होंने कुछ समय के लिए प्रस्तुति करने का अवसर दिया। ऐसे में सभी को अपनी प्रैक्टिस पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। वहीं वीसी प्रो। श्रुति सडोलीकर काटकर ने संस्था के कार्यो से अवगत कराते हुये रिपोटर्1 पेश की।
स्कूली छात्र भी पहुंचे
दीक्षांत समारोह के दौरान नारी शिक्षा निकेतन कैसरबाग से 8वीं की 25 छात्राएं भी मौजूद रही, जिनको किताबें और फ्रूट्स दिया गया। वहीं चीफ गेस्ट डॉ। उमा शर्मा ने भाव नृत्य के तहत प्रस्तुति दी। कथक नृत्य की अदाओं के साथ उन्होंने समा बांध्ा दिया।
छात्राओं ने मारी बाजी
समारोह में कुल 34 मेडल संग 3 पीएचडी डिग्री भी दी गई। गर्ल्स के खाते में 18 मेडल संग 11 उपाधियां आई। वहीं ब्वॉयज को 16 मेडल सहित 8 उपाधियां दी गई। दीक्षांत समारोह में विवि टॉपर प्रिया मिश्रा, सेकंड टॉपर अनंत कुमार प्रजापति व रेशमा और थर्ड राधिका श्रीवास्तव रही।
और चला मस्ती का दौर
समारोह के बाद छात्रों के बीच मस्ती का दौर चला। कोई दोस्तों संग सेल्फी लेने में लगा हुआ था। तो कोई परिवार संग ग्रुप फोटो लेने में लगा था। वहीं मेडल व सर्टिफिकेट संग सभी ने आपस में जमकर फोटो ली। इस दौरान विनर्स के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। वहीं पैरेंट्स गर्व से फूले नहीं समा रहे थ्ो।
बाक्स
इन्हें भी मिला मेडल
- अनंत कुमार प्रजापति- 2 गोल्ड व 1 सिल्वर
- अक्षत अवस्थी- 2 गोल्ड व 1 सिल्वर
- रेशमा कुमारी- 2 सिलवर
- प्रियम त्रिवेदी- 1 सिल्वर व 1 ब्रांज
- राधिका श्रीवास्तव- 2 ब्रांज
- सौम्या मिश्रा- 1 सिलवर
- मनीषा- 3 गोल्ड
- प्रियम त्रिवेदी - 1 सिल्वर व 1 ब्रांज
- सौम्या मिश्रा - 1 सिल्वर
- राजश्री तिवारी - 1 ब्रांज
- आशुकांति सिन्ही - 1 गोल्ड
- कंचन अवस्थी - 1 सिल्वर
- शुभम भारती - 1 ब्रंज
- अमित राय - 2 गोल्ड व 1 सिल्वर
- मधुरिमा चटर्जी - 1 ब्रांज
- प्रेक्षा गुप्ता - 1 ब्रांज
- दीप शिखा सिंह, अभिषेक शर्मा और शालिनी साहू को पीएचडी उपाधि
कोट
1. हमारा परिवार बनारस घराने से है। पिता शैलेंद्र सितारवादक हैं। घर में हमेशा संगीतमय माहौल रहा। आज टॉप करके अच्छा लग रहा है। शास्त्रीय गायन को आगे लेकर जाना है।
- प्रिया मिश्रा, टॉपर
2. वीसी मैम मेरी प्रेरणास्रोत रही हैं। शास्त्रीय गायन में एक अलग मुकाम हासिल करना है। एक शास्त्रीय गायिका के तौर पर खुद को स्थापित करना है।
- रेशमा कुमारी, सेकंड टॉपर
3. जब आपकी मेहनत सफल होती है तो खुशी होती है। तबला क्षेत्र में ही आगे भविष्य बनाना है ताकि तबला विधा को और आगे ले जा सकूं।
- अनंत कुमार प्रजापति, सेकंड टॉपर
4. मेडल मिलने पर बेहद खुशी हो रही है। बचपन से ही गाने का शौक रहा है। आगे चलकर गायन क्षेत्र में ही कैरियर बनाना है।
- राधिका श्रीवास्तव, थर्ड टॉपर
5. मेरे पिता सिंगर हैं, उन्हीं को देखते हुये संगीत के प्रति लगाव बढ़ा। बांसुरी पसंद थी इसीलिए उसी में शिक्षा लेने असोम से यहां आया हूं।
- आशुकांति सिन्हा, बांसुरी में टॉपर