-युवती के साथ मिली पीस पार्टी मुखिया की लोकेशन

- मडि़यांव थाने में दर्ज है दुष्कर्म की एफआईआर

LUCKNOW: सियासी सफेदपोशों पर संकट बढ़ता जा रहा है। परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति के बाद अब पीसी पार्टी के मुखिया डॉ अयूब की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। असल में पुलिस ने जो सीडीआर निकाला है उससे अयूब और युवती (मृतका) की सैकड़ों बार बातचीत हुई और दोनों की एक साथ मौजूदगी भी है।

128 बार अयूब ने किया फोन

एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक, एक मार्च, 2016 से बीस फरवरी, 2017 तक सीडीआर रिपोर्ट और मोबाइल फोन टॉवर की पड़ताल में अहम सुबूत मिले हैं। दोनों की लखनऊ में एक साथ लोकेशन मिली है। 365 दिन की सीडीआर में युवती और अयूब के बीच 320 बार आपस में बातचीत हुई है। बकौल एसएसपी 128 बार अयूब ने युवती को फोन किया और 192 बार युवती की ओर से अयूब को फोन किया गया। युवती के परिवारीजनों का कहना है कि युवती को अयूब बीएससी नर्सिग का कोर्स कराने के लिए लखनऊ ले गए थे, वह उन्हें अपने अभिभावक की तरह मानती थी, तभी उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क में थी। परिवारीजनों का आरोप है कि इसी का लाभ उठाकर अयूब ने दुष्कर्म किया और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी।

ये था पूरा मामला

युवती के भाई के ओर से तहरीर में कहा गया है कि वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में अपने लिए प्रचार करते हुए डॉ। अयूब खान संतकबीरनगर स्थित उसके घर आए थे। जहां युवती से कहा था कि तुम मेरे लिए प्रचार करो, अगर जीत जाऊंगा तो पढ़ाई के साथ नौकरी भी लगवा दूंगा। प्रचार करवाने के लिए युवती को डॉ। अयूब कुछ दिन के लिए अपने साथ ले गए। जीतने के बाद डॉ.अयूब युवती का करियर संवारने की बात कहकर लखनऊ लेकर चले गए। उसे लखनऊ स्थित एक कॉलेज में बीएससी नर्सिग में दाखिला दिलाया। अयूब जब भी लखनऊ जाते युवती का जबरन यौन शोषण करते और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते। ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान युवती की मौत के एक दिन बाद 25 फरवरी को उसके भाई ने मडि़यांव थाने में अयूब के खिलाफ दुष्कर्म समेत अन्य संगीन धाराओं में एफआइआर कराई थी। वहीं मृतका के भाई ने बताया कि मडि़यांव पुलिस ने उसके 164 के बयान न्यायालय में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराएं हैं।

पुलिस पर उठाए सवाल

युवती के भाई ने बताया कि अयूब खान ने उसकी बहन के अकाउंट में करीब एक लाख रुपये डाले थे। उसका आरोप है कि मडि़यांव इंस्पेक्टर एटीएम कार्ड मांगने के साथ कार्ड का नंबर भी पूछ रहे थे। इसपर इंस्पेक्टर नागेश कुमार मिश्रा ने बताया कि एटीएम कार्ड व नंबर इसलिए मांगा जा रहा था जिससे यह पता चल सके कि अयूब ने पैसे डाले कि नहीं, घरवालों की बात में कितनी सच्चाई है इसका तभी पता चल सकेगा जब युवती का अकाउंट देख लिया जाएगा।

युवती की मौत हो चुकी है। युवती के भाई के कोर्ट में बयान कराए गए हैं। अयूब की गिरफ्तारी को लेकर अभी हम कुछ नहीं कह सकते।

-मंजिल सैनी, एसएसपी