लखनऊ (ब्यूरो)। वे लोग जिनकी शर्ट का साइज 42 इंच से ऊपर है, उनको खर्राटे आते हैं। ऐसे लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के रोगी हो सकते हैं। सोते समय खर्राटे आने के साथ ही नींद टूटने का कारण स्लीप एपनिया हो सकता है। यह एक ऐसी गंभीर बीमार है जो डायबिटीज, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर के साथ ही याददाश्त कम होने जैसे रोगों का कारण बन सकती है। सोते समय सांस लेने के रास्ते में अवरोध के कारण यह परेशानी होती है। यह एक लाइफस्टाइल डिजीज है। इससे बचने के लिए सेहत का ध्यान रखना चाहिए और अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहिए। यह जानकारी विश्व निद्रा दिवस के अवसर पर केजीएमयू रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। सूर्यकांत ने दी।

नींद टूट सकती है

डॉ। सूर्यकांत ने बताया कि फैट बढऩे के कारण सांस नली का रास्ता संकुचित हो जाता है। ऐसे में सोते समय नली बंद हो जाती है और सांस में दिक्कत के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। 10 सेकंड तक सांस बंद रहने पर नींद टूट जाती है। यह समस्या लगातार रहने से नींद पूरी नहीं होती और शरीर के अंगों को भी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। दिल को पूरी ऑक्सीजन न मिलने पर हार्ट अटैक, ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी होने से फालिज और ब्रेन स्ट्रोक तक का खतरा हो सकता है।

वजन कम करना चाहिए

देश में हुए एक शोध के अनुसार, भारत में 30 वर्ष की उम्र से ऊपर के लोगों में से 40 प्रतिशत को खर्राटे आते हैं। लापरवाही पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। हालांकि, सावधानी बरतने पर बिना दवा के भी इसका इलाज संभव है। इसके लिए जरूरी है कि वजन पर नियंत्रण रखा जाए। अमूमन 90 किलो से ज्यादा वजन वालों को यह बीमारी होती है। ऐसे लोगों को 15 से 20 किलो वजन कम करना चाहिए।