सही मिले आरोप तो तमाम अफसरों की खतरे में आएगी नौकरी

- डीजीपी मुख्यालय ने सौंपी रिपोर्ट, प्रमुख सचिव गृह ने की समीक्षा

- जल्द शुरू होगी आईपीएस अफसरों की भी स्क्रीनिंग

LUCKNOW :

तमाम ना-नुकुर और जोड़तोड़ के बावजूद पुलिस महकमे के पीपीएस अफसर भी स्क्रीनिंग के दायरे में आ गये है। शासन के निर्देश पर 50 साल से ज्यादा उम्र के भ्रष्ट और नाकारा सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित कर उनकी सेवाएं समाप्त किए जाने के निर्देश के बाद पुलिस महकमे की सफाई का काम भी शुरू हो गया है। डीजीपी मुख्यालय ने प्रदेश के 434 पीपीएस अफसरों की सूची गृह विभाग को सौंपी है जो स्क्रीनिंग के दायरे में आए हैं। इनमें 316 डिप्टी एसपी और 118 एडिशनल एसपी के नाम शामिल हैं। गुरुवार को प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इन नामों पर चर्चा भी हुई। पीपीएस कैडर के एक तिहाई अफसरों का नाम स्क्रीनिंग में आने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

आईपीएस भी आएंगे दायरे में

डीजीपी मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो जल्द इस दायरे में आईपीएस अफसर भी आने वाले हैं। मुख्य सचिव राजीव कुमार आईपीएस अफसरों की स्क्रीनिंग की अगुवाई करेंगे। वहीं इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल की स्क्रीनिंग के लिए डीजीपी मुख्यालय को जिम्मा सौंपा गया है जिसने जिलों से इस बाबत रिपोर्ट भी तलब की जा चुकी है। इन सभी की एसीआर से लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामलों, विभागीय जांचों आदि के आधार पर उन्हें स्क्रीनिंग में शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि यह कवायद इस माह के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। वहीं दूसरी ओर जिन पीपीएस अफसरों के नाम स्क्रीनिंग में सामने आए हैं, उनके बारे में हर अहम जानकारी को खंगाला जा रहा है। उनके एसीआर, विभागीय जांच, मुकदमे आदि का ब्योरा भी मंगाकर उसका परीक्षण शुरू हो चुका है। गृह विभाग स्क्रीनिंग में चिन्हित अफसरों के नाम मुख्य सचिव को सौंपेगा जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने अथवा बर्खास्त किए जाने पर फैसला लिया जाएगा।

फैक्ट फाइल

- 1292 पीपीएस अफसरों का नियतन हैं यूपी में

- 316 डिप्टी एसपी (सीओ) आए हैं जांच के दायरे में

- 118 एडिशनल एसपी के नाम भी स्क्रीनिंग में शामिल