लखनऊ (ब्यूरो)। होली का पर्व वैसे तो रंगों और मस्ती का त्यौहार माना जाता है, पर इसबार हुड़दंग ने होली के रंग में भंग डालने का काम किया। बड़ी संख्या में हुड़दंगी और उनकी चपेट में आए लोग अस्पताल पहुंचे। राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में 560 से अधिक विभिन्न सड़क हादसों में घायल लोग पहुंचे, जिनमेें 191 मरीजों को भर्ती करना पड़ा। इस दौरान सात लोगों की मौत भी हो गई। इसबार घायलों के आंकड़े ने बीते दो सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है।

बड़ी संख्या में हुए घायल

होली की खुमारी ने लोगों ने अपने होश भी गंवाए, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। किसी के सिर में चोट लगी तो किसी के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हो गया। इसके अलावा, छाती और चेहरे पर गंभीर चोट लगने के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टर्स के मुताबिक, अधिकतर घायलों को नशे की हालत में अस्पताल लाया गया था।

बीते दो सालों का टूटा रिकार्ड

इसबार होली में रिकार्ड 560 मरीज घायल हुए। निजी अस्पतालों का आंकड़ा मिलाने पर यह संख्या और अधिक हो सकती है। वहीं, कुल घायलों में 191 को भर्ती किया है। इसमें 10 को वेंटिलेटर और 20 को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया, जबकि 7 लोगों को अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया, जबकि, 2023 में करीब 400 घायल और 2022 में करीब 250 घायल विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे थे।

यहां पहुंचे इतने घायल

- पीजीआई में 18 घायलों को रविवार और सोमवार को भर्ती कराया गया। जिसमें दो मरीजों का ऑपरेशन हुआ।

- केजीएमयू में 150 घायलों को लाया गया, इसमें 70 मरीजों को भर्ती किया गया, जबकि छह घायलों को मृत अवस्था में लाया गया।

- लोहिया संस्थान में 70 घायल पहुंचे, जिसमें 10 को भर्ती किया गया।

- सिविल अस्पताल में 134 घायल पहुंचे, इसमें 33 मरीजों को भर्ती किया गया।

- बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में 40 लोग इलाज के लिए लाए गए, जिसमें सभी मरीजों को भर्ती किया गया।

- लोकबंधु अस्पताल में कुल 98 मरीज पहुंचे। वहीं, 59 लोग सड़क हादसे में घायल हुए। इसमें 20 घायलों को भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। एक घायल को मृत अवस्था में लाया गया।

- सामुदायिक व प्राथमिक अस्पतालों में 100 से ज्यादा मरीज पहुंचे। सभी को प्राथमिक इलाज देकर घर भेज दिया गया।

अस्पताल घायल भर्ती

पीजीआई 18 18

केजीएमयू 150 70

लोहिया 70 10

बलरामपुर 40 40

सिविल 134 33

लोकबंधु 98 20