लखनऊ (ब्यूरो)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएस के संदिग्ध आतंकी मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि आतंकी रिजवान आठ दिन पहले ही सआदतगंज के कैंपवेल रोड स्थित मोज्जमनगर इलाके में किराए के मकान में रहने आया था। यह मकान डॉक्टर जियाउल हक का है। उससे रेंट अग्रीमेंट किया गया था, लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाया गया है। रिजवान के साथ उसकी पत्नी व तीन बच्चे भी रहते थे। जिनकी उम्र 4 साल, 2 साल और 8 महीने की है। ट्यूज्डे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने इलाके की पड़ताल की

मकान की पहली मंजिल पर रहता था
जिस मकान में आतंकी रिजवान रहता था, उसमें एक अन्य परिवार भी किराए पर रहता है। यहां रहने वाले किराएदारों ने बताया कि वे लोग पिछले करीब एक महीने से यहां रह रहे हैं। जबकि रिजवान अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ करीब आठ दिन पहले से घर की पहली मंजिल पर रहने आया था। उसके पास एक प्रयागराज नंबर की बाइक भी है, लेकिन जब से वे लोग आए हैं, किसी से बोलचाल नहीं हुई, क्योंकि वे अपने घरों से ज्यादा बाहर नहीं निकलते थे, जिससे पता भी नहीं चल पाता था कि वे लोग घर में हैं भी या नहीं। उन लोगों को देखकर बिल्कुल अंदेशा नहीं हुआ कि वे आंतकी गतिविधियों में शामिल होंगे। वहीं, गली में रहने वाले अन्य लोगों ने इसके बारे में चुप्पी साध ली, कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था।

मकान मालिक से लंबी पूछताछ
रिजवान के गिरफ्तार होने के बाद से एलआईयू से लेकर पुलिस अलर्ट हो गई। मंगलवार को सआदतगंज पुलिस मकान मालिक जियाउल हक को पूछताछ के लिए थाने ले गई, जहां उससे घंटों पूछताछ की गई। सआदतगंज पुलिस के मुताबिक, उक्त मकान को किराए पर देने के लिए उन्होंने ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था। करीब आठ दिन पहले रिजवान से संपर्क हुआ। उसने कहा कि उसकी नौकरी प्रयागराज में लगी है, उसका लखनऊ में ट्रांसफर हुआ है। इस वजह से किराए पर मकान लेना चाहता है। उसके साथ पत्नी और तीन बच्चे भी रहेंगे। इसके बाद उन्होंने रेंट एग्रीमेंट कराकर उनको कमरा किराए पर दे दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि मकान मालिक आईआईएम रोड स्थित अपने दूसरे मकान में रहते हैं, यहां के मकान को किराये पर दे रखा है।

पड़ोसियों के चेहरे पर छाई खामोशी
जिस गली में आंतकी रिजवान रहता था, वहां सन्नाटा पसरा था। यहां पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था। सभी के चेहरों पर डर साफ झलक रहा था। एक पड़ोसी ने बताया कि रविवार सुबह करीब पांच बजे कई लोगों ने जियाउल हक के घर धावा बोल दिया। वे यहां किराए पर रह रहे एक शख्स को अपने साथ ले गए। जबसे आंतकी रिजवान का नाम सामने आया है उक्त मकान में रहने वाले किराएदार सहमे हुए हैं। उनका कहना है कि उन्हें कभी नहीं लगा कि वे एक आंतकी के साथ रह रहे थे।

किसी से मतलब नहीं रखता था परिवार
जियाउल हक के मकान में रह रहे एक किराएदार ने बताया कि यह परिवार खामोश रहता था, किसी से कोई मतलब नहीं रखता था। कौन कब आ रहा है, कब जा रहा है, कुछ नहीं पता चलता था। साथ में रहने वाले बच्चों का भी ज्यादा शोर सुनाई नहीं देता था। करीब आठ दिन से रिजवान और उसका परिवार यहां रह रहा था, लेकिन रिजवान को दो दिन पहले ही देखा गया था। इनके घर का दरवाजा मुख्य गेट से अलग था।

एटीएस करेगी पूछताछ
यूपी एटीएस की टीम बुधवार को दिल्ली जाकर लखनऊ और मुरादाबाद में पकड़े गए आतंकी गतिविधि से जुड़े लोगों से पूछताछ करेगी। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, वे यूपी में रहकर देश विरोधी गतिविधियां संचालित कर रहे थे। इन आतंकियों पर 3-3 लाख का इनाम घोषित किया गया था। आईएस मॉड्यूल में आतंकियों की भर्ती से लेकर केमिकल बम तैयार करने और ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी। इन लोगों ने पुणे में इसकी ट्रेनिंग भी ली थी। वे पाकिस्तानी आतंकी संगठन से जुड़े थे और उनसे ही निर्देश ले रहे थे। जांच में सामने आया कि रिजवान मूलरूप से आजमगढ़ का रहने वाला था।