लखनऊ (ब्यूरो)। लोगों में लाइसेंसी असलहा, खासतौर पर रिवॉल्वर रखने का शौक कोई नई बात नहीं है। ऐसे शौक रखने वालों में युवाओं की संख्या भी काफी ज्यादा है। उनका यह शौक कई बार उन्हें अपराध की दुनिया में भी धकेल देता है। बीते कुछ वक्त में राजधानी में हुईं कर वारदातों में लाइसेंसी रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद अब पुलिस ने रिवॉल्वर का लाइसेंस रखने वालों की एक लंबी लिस्ट बनाई है। हैरानी की बात यह है कि इस लिस्ट में 92 क्रिमिनल्स भी शामिल हैं, जिन्हें रिवॉल्वर का लाइसेंस मिला हुआ है। पुलिस इनके लाइसेंस कैंसिल करने की फाइल तैयार कर चुकी है।

इसलिए लिया गया फैसला

हाल ही में मलिहाबाद में जमीनी विवाद को लेकर मां-बेटे समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया था कि हत्यारोपी ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से वारदात को अंजाम दिया है। हैरानी की बात थी कि हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर भी था। बावजूद इसके उसके पास शस्त्र लाइसेंस था। वहीं दूसरी तरफ, लोकसभा चुनाव में सुरक्षा के दृष्टिगत को देखते हुए शहर के सभी पुलिस स्टेशनों में एक सूची तैयार कराई गई, जिसमें पता चला कि लगभग 92 ऐसे अपराधी हैं, जिनके नाम शस्त्र लाइसेंस है।

लिस्ट में तीन हिस्ट्रीशीटर

पुलिस अधिकारियों की जांच में सामने आया कि शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्र में ऐसे तीन हिस्ट्रीशीटर हैं, जो लाइसेंसी रिवॉल्वर लेकर घूम रहे हैं। इसके अलावा 89 ऐसे क्रिमिनल्स हैं, जिनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज है, लेकिन इन सभी को शस्त्र लाइसेंस भी जारी किया गया है। ये अपराधी कहीं मलिहाबाद के मोहम्मदनगर जैसी घटना न कर दें, इसलिए जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरी के निर्देश पर सभी पांचों जोन में इनकी लिस्ट तैयार की गई है। यह लिस्ट डीएम ऑफिस भेजकर सभी के शस्त्र लाइसेंस कैंसिल किए जाएंगे।

लूट से लेकर हत्या की धारा में केस

मलिहाबाद घटना के बाद वेस्ट, ईस्ट, नार्थ, साउथ और सेंट्रल जोन में क्रिमिनल्स असलहाधारी अभियान चालाया गया था। इसमें पता चला कि अबतक तीन हिस्ट्रीशीटर और 89 ऐसे अपराधियों की सूची बनाई गई है जिनके पास शस्त्र लाइसेंस है। जांच में सामने आया कि तीनों हिस्ट्रीशीटर नार्थ जोन के रहने वाले हैं। इनके खिलाफ हत्या, लूट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

इनके खिलाफ केस

पुलिस के मुताबिक, इंदिरानगर थाने से सतीश हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। वहीं, विकास नगर थाने से विजय शंकर यादव हिस्ट्रीशीटर है, उसके खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, शस्त्र बलवा समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज है। गुडंबा थाने से पंकज यादव हिस्ट्रीशीटर है, उसके खिलाफ भी जानलेवा हमले समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हैं।

लाइसेंस होगा सस्पेंड

जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि के मुताबिक, लोकसभा चुनाव आने वाला है। इसके अलावा महिलाबाद की घटना के बाद पांचों जोन में अपराधी-असलहाधारी अभियान चलाया गया है, इसमें पता चला कि तीन हिस्ट्रीशीटर के अलावा तकरीबन 89 ऐसे लोग हैं जिनके शस्त्र लाइसेंस जारी हैं। इनके लाइसेंस का निरस्तीकरण किए जाने के लिए कदम उठाए गए हैं।

क्या है नियम?

जब किसी को शस्त्र लाइसेेंस की जरूरत होती है तो उसे कारण दिखाना होता है। जिसमें सबसे मुख्य कारण जान का खतरा होता है। अगर मामूली धाराओं में मुकदमा भी है तो डीएम के स्तर पर इसकी जांच होती है और फिर लाइसेंस अप्रूव कर दिया जाता है। हालांकि, अगर इस शस्त्र का गलत इस्तेमाल हो रहा है तो उसे प्रशासन जब चाहे वापस ले सकता है। लाइसेंसी हथियार से किसी दूसरे की जान खतरे में डालने पर कानून के प्रावधानों के तहत जेल या मोटा जुर्माना या फिर दोनों से सजा होती है। यह इसपर निर्भर करता है कि किस सेक्शन के तहत केस दर्ज किया गया है।

कुलदीप नारायण मिश्रा, एडवोकेट

इन बातों का रखें ध्यान

- खुद की जान का खतरा होने पर करें अप्लाई

- किसी से आप को धमकी मिल है या हमला हो चुका हो

- जिनके नाम से लाइसेंस है, वही रख सकता है, इसे बेच नहीं सकते

- हथियार का इस्तेमाल रौब जमाने या दिखावे के लिए न करें

- किसी शादी, चुनाव में जीत के लिए हर्ष फायरिंग में इस्तेमाल न करें

- डराने-धमकाने या क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए यूज करना जुर्म है

- शिकार करने, एंटरटेनमेंट के लिए या गुंडागर्दी मचाने के लिए यूज न करें

इन हथियारों की सबसे ज्यादा डिमांड

- डबल बैरल

- रिवॉल्वर

- प्वाइंट 32 बोर