लखनऊ (ब्यूरो)। 13 दिसंबर 2022 को पुराने सभी फायर एक्ट खत्म करते हुए सरकार ने अग्निशमन और आपातसेवा अधिनियम 2022 लागू किया। हालांकि इस अधिनियम की नियमावली तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। नियमावली बनने में समय लगेगा। ऐसे में फायर सेफ्टी की अनदेखी करने वाली इमारतों के खिलाफ फायर विभाग कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता है।

सैंकड़ों इमारतें हैं खतरनाक
राजधानी में 300 से अधिक इमारतें है डेंजर जोन में हैं। खतरा ऐसा कि यदि वहां आग लगी तो उसे लक्षाग्रह बनने में समय नहीं लगेगा। हाल में बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के बगल में बनी बिल्डिंग में आग लगने से एक युवक की मौत हो गई थी, लेकिन फायर विभाग इस कदर बेबस है कि इस बिल्डिंग पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर सकती है। यही नहीं शहर की करीब 180 बिल्डिंग मालिकों को फायर विभाग ने कार्रवाई के लिए नोटिस भेजी थी, जो अब बेकार हो चुकी है। इसका कारण यह है कि प्रदेश में पुराने सभी अग्निशमन अधिनियम खत्म होने हैं और नई नियमावली अभी बनी नहीं है।

पता नहीं कब तैयार होगी नियमावली
राजधानी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार का कहना है कि लेवाना कांड के बाद नए सिरे से राजधानी की उन इमारतों का सर्वे किया गया, जहां फायर सेफ्टी की अनदेखी की जा रही थी। पहले चरण में 73 इमारतों के मालिकों को 133 की नोटिस दी गई है। वहीं 101 बिल्डिंग मालिकों को 2005 की नोटिस भेजी गई है। हालांकि पुराने सभी एक्ट के खत्म होने के चलते इन पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है। जैसे ही नई नियमावली तैयार होती है, इन पर कार्रवाई की जरूर की जाएगी। नियमावली कब तक तैयार होगी, इसका जवाब सीएफओ के पास नहीं था।

राजधानी में हुए बड़े हादसे
12 जनवरी- हजरतगंज स्थित सीट कवर के गोदाम में लगी आग
31 जनवरी- स्मार्ट बैटरी शोरूम में लगी आग, मैनेजर की मौत
2 फरवरी - नाका के एक होटल के बेसमेंट में लगी आग
6 फरवरी- गैस वेल्ंिडग का सिलेंडर फटने से हुआ धमाका

लेवाना कांड के बाद नए सिरे से राजधानी की उन इमारतों का सर्वे किया गया, जहां फायर सेफ्टी की अनदेखी की जा रही थी। पहले चरण में 73 इमारतों के मालिकों को 133 की नोटिस दी गई है। वहीं 101 बिल्डिंग मालिकों को 2005 की नोटिस भेजी गई है।
मंगेश कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, लखनऊ