लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बैठक कर अनाधिकृत बस संचालन और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिए थे। जिसके बाद परिवहन विभाग ने प्रदेश स्तर पर विभिन्न मंडलों में अनाधिकृत बसों के संचालन और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सघन अभियान चलाया। अपर परिवहन आयुक्त वीके सोनकिया ने बताया कि लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, प्रयागराज, बरेली, मुरादाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, सहारनपुर, आगरा और झांसी संभागों में 10 मई से 13 मई तक चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान कुल 537 ओवरलोड माल वाहनों का चालान किया गया और 212 ट्रक बंद किए गए। साथ ही 52.04 लाख रुपए जुर्माना वसूला गया। उन्होंने आगे बताया कि 1170 अनाधिकृत बसों का चालान किया गया और 238 बसों को बंद किया गया। उनसे 27.47 लाख रुपए का प्रशमन शुल्क वसूला गया। वीके सोनकिया ने बताया कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के निर्देशानुसार अनाधिकृत बस संचालन और ओवरलोडिंग की शिकायतों का संज्ञान लेकर यह कार्रवाई की गई है।

क्षमता से दोगुनी सवारियां लेकर जा रही बस पकड़ी
दिल्ली से बिहार जा रही एक बस को जब परिवहन आयुक्त ने रोका तो पाया कि स्लीपर बस में एक सीट पर आठ-आठ यात्रियों को ठूंस कर बैठाया गया था। बस के कागजों की जांच में पता चला कि उसका टैक्स भी बाकि था और फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं था। चेकिंग कर रहे अधिकारियों ने बताया कि बस के अंदर यात्री अपने सामान के साथ सीट पर मुश्किल से बैठे हुए थे। कहीं भी सामान रखने की जगह नहीं थी। चेकिंग के दौरान एआरटीओ प्रवर्तन अंकिता शुक्ला ने इस बस को रोका। बस की गैलरी में भी यात्रियों को बैठाया गया था। 42 सीटर यह बस 100 यात्रियों को लेकर बिहार जा रही थी। एआरटीओ प्रवर्तन ने इसको नादरगंज में बंद करा दिया है। उप परिवहन आयुक्त लखनऊ परिक्षेत्र निर्मल प्रसाद ने बताया यह बस बिना फिटनेस और बिना टैक्स अदा किए चल रही थी इसलिए इसको बंद करा दिया गया है।