लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही मरीजों को और बेहतर इलाज मिलेगा। क्योंकि यहां की इमरजेंसी मेडिसिन एंड रिनल ट्रांसप्लांट सेंटर में एमआरआई और सीटी स्कैन तो लगेगी ही। साथ में यहां पर डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी लैब की भी स्थापना की जाएगी। जिससे गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज देने में मदद मिलेगी। संस्थान प्रशासन के मुताबिक, दिसंबर तक यह सुविधा मरीजों को मिल सकती है।

मरीजों की समय पर होगी जांच

पीजीआई में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज आते हैं। वहीं, इमरजेंसी मेडिसिन और नेफ्रो में भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। साथ ही यहां किडनी ट्रांसप्लांट भी किया जा रहा है, लेकिन जांच के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन के लिए रेडियोलॉजी विभाग तक के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है। जहां लंबी लाइन के चलते जांच के लिए लंबी वेटिंग चल रही है। इसी को देखते हुए यहां पर एमआरआई मशीन और सीटी स्कैन मशीन भी लगाई जायेगी, ताकि गंभीर मरीजों को जांच के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े।

डीएसए लैब भी खुलेगी

निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि सेंटर में डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी लैब भी शुरू की जाएगी। इससे मरीजों की ज्यादा बेहतर और आसानी से एंजियोग्राफी की जा सकेगी। साथ ही नई दवाओं पर रिसर्च करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा अन्य विभागों के मरीजों को भी इसका फायदा मिल सकेगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज हासिल हो सकेगा।

पीजीआई में आसान होगा कैंसर का इलाज

संजय गांधी पीजीआई में कैंसर मरीजों को इलाज में बड़ी राहत मिलेगी। संस्थान में जल्द ही एक और पेट स्कैन जांच की सुविधा मिलेगी। यह मशीन पीपीपी मॉडल पर लगाई जाएगी। पीजीआई प्रशासन ने जल्द ही मरीजों के लिए जांच की सुविधा शुरू होने की उम्मीद जाहिर की है। ऐसे में कैंसर का इलाज और बेहतर होगा और जांच के लिए लंबी वेटिंग कम होगी।

महीनों की चल रही वेटिंग

पीजीआई में बड़ी संख्या में कैंसर के मरीज इलाज के लिए आते हैं। वहीं, कैंसर शरीर में कहां और कितना फैला इसका पता लगाने के लिए पेट सीटी स्कैन जांच लिखते हैं। संस्थान में अभी एक ही मशीन लगी हुई है। जिसमें रोजाना महज 10-12 मरीजों की ही जांच हो पाती है क्योंकि एक मरीज की जांच में दो से ढाई घंटा तक का समय लग जाता है। जिसकी वजह से जांच के लिए तीन माह से अधिक तक की वेटिंग चल रही है। जिससे मरीजों को इलाज प्रभावित हो रहा है। मरीजों की परेशानियों को दूर करने के लिए पीजीआई प्रशासन ने एक और पेट स्कैन की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।

करोड़ों की आती है मशीन

पीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमन के मुताबिक संस्थान में मरीजों का लोड देखते हुए एक और मशीन की जरूरत है। इसे देखते हुए न्यूक्लीयर मेडिसिन विभाग में ही एक और पेट सीटी स्कैन मशीन लगाने की तैयारी चल रही है। यह मशीन पीपीपी मॉडल पर लगाई जायेगी। यह मशीन करीब 20-25 करोड़ रुपए की आती है। पेट सीटी स्कैन मशीन शरीर में फैले कैंसर का पता लगाने में मददगार है। जिससे पता लगा सकते है कि कैंसर या कोई लीजन शरीर में कहां-कहां तक फैला चुका है। जिससे सटीक इलाज करने में मदद मिलती है। नई दूसरी मशीन आने से वेटिंग बहुत कम हो जाएगी। जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा। उम्मीद है कि दिसंबर या जनवरी तक मशीन विभाग में लग जाएगी।