लखनऊ (ब्यूरो)। सीएसआईआर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकॉलजी रिसर्च आईआईटीआर ने शुक्रवार को स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। दो दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के पहले दिन 27वें प्रो। एचएस जैदी ओरेशन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता पूर्व डीजी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व पूर्व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग पदमश्री प्रो। एस अयप्पन रहे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन को निर्णायक मुद्दा बताया है। ऐसी आशंका है कि वर्ष 2100 तक औसत वैश्विक तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस से 5.8 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ सकता है। कृषि जलवायु परिवर्तन का शिकार और सहायक दोनों है। एक ओर कृषि गतिविधियां ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देती हैं, जो जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने में भूमिका निभाती हैं।

स्थापना दिवस सफलता संजोने का दिन
वहीं दूसरी ओर, इन गैसों का कृषि उत्पादन प्रणालियों की स्थिरता पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव को कम करने के लिए पारंपरिक कृषि प्रथाओं में अनुसंधान और विकास संचालित संशोधनों का सुझाव देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जलवायु स्मार्ट खाद्य प्रणालियों और उपकरणों (स्ट्रेस टोलरेंट क्रॉप्स, बीओफोर्टिफिकेशन, बायो-इनोवेशन, अर्लि वार्निंग सिस्टम्स, एडवांस्ड स्पेशल इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स, आईओटी, बिग डेटा एनालिटिक्स), कृषि नवाचार प्रणालियों आदि के उपयोग को शामिल करके प्रौद्योगिकी इसे नई दिशा दे सकती है। सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक डॉ। भास्कर नारायण ने कहा कि किसी संस्था का स्थापना दिवस अतीत की सफलताओं को संजोने और भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का एक बेहतरीन मौका होता है। पिछले दो सप्ताह के दौरान आयोजित वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं के पुरस्कार विजेताओं को मुख्य अतिथि गायत्री भास्कर ने पुरस्कृत किया।