- केस का ट्रायल शुरू हो गया था, पुलिस इस बिंदु पर जांच को दे रही जोर

- अवैध आ‌र्म्स के साथ शहर में घूम रहा था स्कार्पियो सवार जिलाबदर अपराधी

- गैंगवार की बढ़ी आशंका, लोहिया हॉस्पिटल में सक्रिय नजर आए साथी

LUCKNOW: आजमगढ़ में पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्याकांड में कोर्ट का फैसला जल्द आ सकता है। पूर्व विधायक के मर्डर केस में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह भी गवाह था। पुलिस सूत्रों की मानें तो मर्डर केस में आजमगढ़ जेल में बंद हत्यारोपी ध्रुव कुमार सिंह और अन्य आरोपियों से अजीत की अदावत चलती थी। अजीत मुख्तार अंसारी का करीबी भी था। पुलिस गैंगवार के पीछे इस बिंदु पर ज्यादा फोकस कर रही है। पुलिस का मानना है कि अजीत और उसके साथी पर हमला करने वाले उससे पहले से परिचित थे।

विधायक और उनकी साथी की हुई थी हत्या

पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या 19 जुलाई 2013 को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार कर जीयनपुर चौक पर कर दी थी। उनके साथ सहयोगी भरत राय समेत एक और व्यक्ति की बदमाशों की गोली से मौत हुई थी। घटना के समय पूर्व विधायक सहयोगी भरत राय के साथ जीयनपुर कोतवाली पर किसी प्रकरण में पैरवी कर पैदल ही वापस लौट रहे थे। जीयनपुर चौक पर स्थित चाय की एक दुकान पर खड़े होकर चाय पी रहे थे। इसी दौरान बाइक से आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगने से पूर्व विधायक के साथ ही उनके दो सहयोगियों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

पूर्व विधायक मर्डर केस का आने वाला था फैसला

इस हत्याकांड में कुख्यात अपराधी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू समेत उसके कई सहयोगियों को आरोपी बनाया गया था। सात साल पहले हुए हत्याकांड में दर्ज मुकदमे में कुछ हिस्से की विवेचना जहां जनपद पुलिस कर रही है तो कुछ की सीबीआई। न्यायालय में मामला चल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने प्रकरण की जल्द सुनवाई कर 31 दिसंबर तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया है। इसके चलते प्रतिदिन सुनवाई हो रही है। लगभग 19 से 20 गवाहों की गवाही इस प्रकरण में होनी है। अब तक मात्र एक गवाह की ही गवाही हो सकी थी।

जिलाबदर होने के बाद लखनऊ में जमाया था डेरा

अजीत सिंह को आजमगढ़ से जिलाबदर कर दिया गया था। इसके बाद से अजित ने गोमतीनगर विस्तार स्थित एक अपार्टमेंट में अपना ठिकाना बनाया था। इसी एरिया में माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी तारिक भी रह रहा था, जिसकी 2018 में गोलियों से भून कर हत्या कर गई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुख्तार के करीबी पुष्पजीत, मुन्ना बजरंगी, तारिक के बाद अजीत सिंह की हत्या भी इसी कड़ी का हिस्सा है।

गैंगवार की बढ़ी आशंका

एक के बाद एक माफिया के कई करीबी की हत्या के बाद पुलिस को गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। अजीत सिंह की हत्या की सूचना पाकर बुधवार उसके कई करीबी धीरे-धीरे लोहिया हॉस्पिटल पहुंचने लगे। दूसरी तरफ सनसनीखेज गैंगवार ने एक बार फिर पुलिस की सक्रियता की पोल खोल दी। तीन हमलावर एक बाइक पर सवार होकर आए थे। उनके पास आटोमैटिक असलहे थे जबकि अजीत सिंह के पास भी अवैध आ‌र्म्स थे, जिससे जवाब फायरिंग की गई थी।