- तीन दिन बाद सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य सचिव

- सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को दिए पंख

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LUCKNOW: तीस जून को सेवानिवृत्त हो रहे सूबे के मुख्य सचिव आलोक रंजन को राज्य सरकार जल्द गठित होने वाली रियल इस्टेट अथॉरिटी का मुखिया बना सकती है। मालूम हो कि मुख्य सचिव को केंद्र सरकार ने तीन माह का एक्सटेंशन दिया था जो आगामी 30 जून को समाप्त हो रहा है। मुख्य सचिव ने खुद आगे एक्सटेंशन न लेने की इच्छा जाहिर की थी जिसके बाद राज्य सरकार उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद सौंपना चाहती है।

रियल इस्टेट पर रहेगी नजर

केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी राज्यों में रियल इस्टेट अथॉरिटी का गठन किया जाना है। अथॉरिटी के गठन के बाद रियल इस्टेट में होने वाली धोखाधड़ी आदि पर रोक लगायी जा सकेगी। साथ ही वह नियम भी बनाएगी ताकि आम जनता को ठगा न जा सके। अथॉरिटी को आवास विभाग से जुड़े तमाम अधिकार भी दिए जाने हैं। मुख्य सचिव को इसका मुखिया बनाने के साथ ही राज्य सरकार रियल इस्टेट के क्षेत्र में अहम सुधार करना चाहती है। इसी मंशा के तहत उन्हें यह पद सौंपने की तैयारी चल रही है। मालूम हो कि मुख्य सचिव ने अपने कार्यकाल में राज्य सरकार की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पंख देने का काम किया। कहना गलत न होगा कि यह मुख्य सचिव के प्रयासों का ही नतीजा है कि राज्य सरकार अपनी कई अहम योजनाओं का लोकार्पण आने वाले कुछ महीनों में कर सकेगी।

तीन माह का था एक्सटेंशन

1978 बैच के आईएएस आलोक रंजन को विगत 24 जून को केंद्र सरकार ने तीन महीने का एक्सटेंशन प्रदान किया था। उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर राज्य सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देने का अनुरोध केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय से किया था। कार्मिक मंत्रालय ने अपनी संस्तुति के साथ फाइल पीएमओ भेजी जिसे मंजूर कर लिया गया था। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद एपीसी प्रवीर कुमार को मुख्य सचिव बनाये जाने की चर्चा है। वहीं 1978 बैच के प्रदीप कुमार सिन्हा और लव वर्मा केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। इसके अलावा राजस्व परिषद के अध्यक्ष डा। अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल भी इस रेस में शामिल हैं।