लखनऊ (ब्यूरो)। पुलिस के मुताबिक, अनामिका के घर पिछले करीब ढाई साल से अर्जुन सोनी पत्नी के साथ रहता था। वह 7 से 8 महीने से ्रबेरोजगार था। एक दिन उसने अपने दोस्त वीरेन्द्र से मकान मालिक के बारे में बताया कि वह एफसीआई में कार्यरत है और काफी अमीर हैं। सुबह ड्यूटी के जाने के बाद घर पर आदर्श की पत्नी अकेली रहती हैं। दोनों ने घर में लूटपाट की योजना बनाई और निगरानी रखना शुरू किया। वारदात के एक दिन पहले अनामिका फोन कर वीरेन्द्र ने कहा कि जियो मशीन खराब है बदलनी पड़ेगी। घर आकर इसे ठीक करना है। इसके अगले दिन वीरेन्द्र अनामिका के घर पहुंचा और लूटपाट करने लगा।

आरोपी तक ऐसे पहुंची पुलिस
ईस्ट डीसीपी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी ने पहले फर्जी जियो आईडी बनाई और फिर शुक्रवार दोपहर करीब पौने दो बजे अनामिका के घर में घुस गया। लूटपाट के दौरान अनामिका से हाथापाई भी हुई, लेकिन आरोपी मौका पाकर उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी अपने दोस्त अर्जुन से मिला और वहां से फरार हो गया। पुलिस को मौके से टोपी आई कार्ड समेत मोबाइल नंबर से कई सारे क्लू मिले। जिसके बाद पुलिस आरोपी अर्जुन तक पहुंची और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

आर्थिक तंगी की वजह से बना प्लान
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी वीरेन्द्र इटौंजा का रहने वाला है और वह हलवाई का काम करता है। आर्थिक तंगी के चलते लूटपाट की प्लानिंग बनाई थी। वहीं, चिनहट थाना प्रभारी आलोक राय का कहना है की दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।