इतर बरसीं लाठियां, उधर जाम से तड़पा शहर

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रदर्शन से आई आफत

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LUCKNOW (27 Sept): पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने मंगलवार को राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया। विधानसभा का घेराव करने जा रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो धरने पर बैठ गयीं। लक्ष्मण मेला पार्क से शुरू हुआ प्रदर्शन, विधानसभा के सामने हंगामे में बदल गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने महिलाओं पर जमकर लाठी बरसाई, करीब तीन घंटे चले बवाल के दौरान कई कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां गंभीर रूप से घायल भी हुई। देर रात तक महिला प्रदर्शनकारी गंज में ही जमी रहीं।

आंदोलन की अगुआ संघ की महामंत्री नीलम पांडेय ने कहा कि जब तक बाल विकास परियोजना के निदेशक को हटाया नहीं जाएगा तब तक आंदोलन और धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि निदेशक यह भ्रम फैला रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों को मान लिया है पूरा करने का आश्वासन दिया है। वहीं महिलाओं ने कहा कि मांगे पूरी नहीं हुई तो आने वाले विधानसभा चुनाव में वह अपनी ताकत दिखायेंगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कहा कि हम में से एक भी महिला वोट न डालेगी न किसी को वोट डालने देंगी। बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बीएलओ के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रदर्शन ने थामी शहर की रफ्तार

-विधानभवन पर प्रदर्शन से राजधानी का अधिकांश इलाका आया जाम की गिरफ्त में

LUCKNOW (27 Sept): आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रदर्शन ने शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। दोपहर में प्रदर्शनकारी महिलाओं के विधानभवन के सामने इकट्ठा होते ही डायवर्जन के चलते पहले से हांफ रहे ट्रैफिक सिस्टम ने दम तोड़ दिया। नतीजतन, आसपास की सभी सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जिसमें कई एंबुलेंस व स्कूली बच्चे फंसकर परेशान हो गए। दोपहर को शुरु हुआ प्रदर्शन देररात तक जारी रहा। देररात तक जाम को खुलवाने के लिये पुलिस व ट्रैफिककर्मी जूझते दिखे।

डायवर्जन भी काम न आया

मंगलवार दोपहर हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अलग-अलग गुटों में विधानभवन के सामने इकट्ठा होने लगीं। कुछ ही देर में विधानभवन के सामने का इलाका महिलाओं से ठसाठस भर गया। यह देख हजरतगंज चौराहे पर तैनात ट्रैफिककर्मियों ने ट्रैफिक को हजरतगंज मार्केट व राजभवन की ओर डायवर्ट कर दिया। वहीं, बापू भवन चौराहे से ट्रैफिक को कैसरबाग और एनेक्सी की ओर डायवर्ट कर दिया गया। वर्किंग डे होने की वजह से पहले से हेवी ट्रैफिक वाली इन सड़कों पर यह ट्रैफिक पहुंचते ही वहां जाम लग गया। स्कूलों में छुट्टी होते ही हालात बेकाबू हो गए। नतीजतन, हजरतगंज, सिकंदरबाग चौराहा, जागरण चौराहा, निशातगंज, महानगर, बैकुंठधाम मार्ग, 1090 चौराहा, उदयगंज, हुसैनगंज, कैसरबाग, परिवर्तन चौक और लालबाग में भीषण जाम लग गया।

एंबुलेंस में तड़पते रहे मरीज

ट्रैफिक जाम में फंसकर स्कूल वैन्स पर सवार छोटे-छोटे बच्चे भूख-प्यास से बेहाल हो उठे। वहीं, कई एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहीं। ऐसी ही एक एंबुलेंस अशोक मार्ग में लगे जाम में फंसी दिखी। इस वैन में गोसाईगंज निवासी प्रेगनेंट विधू मिश्रा सवार थीं। उनके संग उनके परिजन भी वैन पर सवार थे। बेबस दिख रहे परिजनों ने बताया कि विधू के पेट में भीषण दर्द है। वे लोग उसे लेकर महानगर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल जा रहे हैं। निशातगंज स्थित संकल्प वाटिका पर भी तीन एंबुलेंस फंसी रहीं और उस पर सवार मरीजों के परिजन एंबुलेंस को पास देने के लिये लोगों से गुहार लगाते रहे।

कइयों की छूटी ट्रेन

हजरतगंज चौराहा और सभी लिंक रोड के जाम होने की वजह से कई लोगों की ट्रेन छूट गई। संकल्प वाटिका में ऑटो पर सवार राजवीर ने बताया कि उन्हें शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था। एक घंटे पहले वह महानगर स्थित घर से निकले थे। लेकिन, संकल्प वाटिका पर आकर उनकी ऑटो जाम में फंस गई। उन्होंने बताया कि दोपहर 3.35 बजे उनकी ट्रेन रवाना होती है और 3.30 बजे वह संकल्प वाटिका पर जाम में फंसे हुए थे। राजवीर की ही तरह कई अन्य लोगों की भी ट्रेन छूट गई।

एसएसपी भी जाम में फंसी

एसएसपी मंजिल सैनी दोपहर करीब दो बजे अपने आवास आ रही थीं। इसी दौरान उनकी गाड़ी भी जाम में फंस गई। एस्कॉर्ट में चल रहे पुलिसकर्मियों ने आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एसएसपी की कार को जाम से बाहर निकलवाया।