लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में आउटसोर्स कर्मचारियों ने वेतन कटौती को लेकर बुधवार को हड़ताल करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में नर्सेज समेत अन्य आउटसोर्स कर्मचारी शामिल रहे। उन्होंने न्यू ओपीडी से लेकर ट्रामा सेंटर तक में जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान ओपीडी सेवाएं समेत जांच आदि ठप हो गईं। जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन का असर मरीजों के इलाज पर नहीं पड़ा। सभी को देखा गया और जांच की गई।

वेतन में कटौती से भड़के

केजीएमयू में पर्मानेंट स्टाफ से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल करीब 5 हजार कर्मचारियों ने काम ठप करने का फैसला किया था। कर्मचारियों के मुताबिक, इस माह पूरा वेतन नहीं मिला है। जो भुगतान हुआ है उसमें कटौती की गई है। यह कटौती बायोमेट्रिक अटेंडेंस के गड़बड़ हिसाब के अनुसार बताई जा रही है। कर्मचारियों के मुताबिक, आउटसोर्स कंपनी द्वारा एक माह में मिलने वाली चार छुट्टियों तक की सैलरी कट कर दी गई है। पहले भी संस्थान प्रशासन से इसकी शिकायत की गई थी, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं, नर्सों के मुताबिक, उनकी सैलरी 19 हजार रुपये है, पर इस महीने महज 14 हजार रुपये की सैलरी मिली है। आरोप है कि एजेंसी तानाशाही पर उतर आई है। कंपनी वेतन के अलावा बोनस में भी कटौती कर रही है। जिससे उनके लिएस जीविका चलाना भी दूभर हो रहा है। जल्द से जल्द यह समस्या दूर करनी चाहिए।

ट्रामा का गेट कर दिया बंद

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने पहले न्यू ओपीडी में नारेबाजी की और काम बंद कर दिया। जिसके बाद कर्मचारी संस्थान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ट्रामा सेंटर पहुंच गये। जिसकी वजह से कई घंटों तक ओपीडी सेवाएं ठप रहीं। मरीज अपनी बारी का इंतजार करते हुए परेशान नजर आये। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ट्रामा सेंटर पहुंचने के बाद वहां के मेन गेट को बंद कर दिया गया। जिसके कारण मरीजों की भर्ती दूसरे गेट से शुरू की गई। इस दौरान मरीजों को ट्रामा में आने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ट्रामा प्रशासन काफी देर तक उनसे गेट से हटने की अपील करता रहा, लेकिन कर्मचारी नारेबाजी करते हुए वहीं डटे रहे।

जांच के लिए कहा गया है

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि केजीएमयू प्रशासन कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है। संविदा कर्मचारी की बातों को गंभीरता से लिया गया है और उनका हर स्तर पर समाधान किया जाएगा। संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था जेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं। ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है। इसकी जिम्मेदारी एक्सईएएम वेंचर्स की है। सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत उनका भुगतान करें।

पैर में दिक्कत है। यहां दिखाने आये थे, पर कर्मचारियों के प्रदर्शन के कारण अंदर नहीं जा पा रहा हूं। काफी दर्द हो रहा है। पता नहीं कब दिखाने का नंबर आएगा।

-गणेश सिंह बिष्ट

मां को गोंडा से दिखाने के लिए आये हैं। यहां आकर देखा कि कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। काफी देर से पर्चा बनवाने की कोशिश कर रहे हैं।

-अनूप मिश्रा