लखनऊ (ब्यूरो)। रात के वक्त फ्लाईओवर से गुजरते वक्त कभी न कभी आपकी आंखें भी सामने से आती गाड़ियों की रोशनी की वजह से बंद हुई होंगी और हड़बड़ाहट में आपने अपनी गाड़ी रोक दी होगी। यह समस्या सिर्फ आपके साथ ही नहीं बल्कि रात के वक्त फ्लाईओवर से गुजरने वाले कई वाहन चालकों के सामने आती है। कई बार तो इसकी वजह से फ्लाईओवर पर हादसे भी हो जाते हैैं और लोगों की जान भी चली जाती है। हालांकि, राजधानी में ऐसे ही हादसों पर लगाम लगाने के लिए अब एक बड़ी योजना तैयार की गई है, जिसका नाम है एंटी ग्लेयर बैरियर/शीट।

यह होता है एंटी ग्लेयर शीट

एंटी ग्लेयर एक हरे रंग की शीट होती है। यह शीट इस तरह से डिजाइन होती है कि गाड़ियों की रोशनी सीधे आंखों में नहीं पड़ती है। एंटी ग्लेयर शीट व्हीकल लोड को ध्यान में रखते हुए जरूरत के हिसाब से विभिन्न आकारों और हाईट में लगाई जाती है। इसकी हाईट तीन से चार फुट तक हो सकती है। जहां इसका प्रयोग होता है, वहां रिफ्लेक्टिव टेप भी रोड के पैटर्न को पहचानने में वाहन चालकों की हेल्प करता है। फ्लाईओवर्स में ज्यादातर इसे शीट के रूप में ही यूज किया जाता है। इसकी वजह यह होती है कि फ्लाईओवर्स से गुजरने के दौरान सबसे ज्यादा लोगों को दिक्कत सामने आने वाली गाड़ियों की रोशनी से होती है।

आईआईएम फ्लाईओवर पर ट्रायल

आईआईएम फ्लाईओवर में पहली बार इसका ट्रायल किया जा रहा है। इस शीट को फ्लाईओवर के डिवाइडर पर लगाया भी जा चुका है। अभी फ्लाईओवर पब्लिक के लिए नहीं खुला है। एक दो दिन के अंदर इस फ्लाईओवर का उद्घाटन हो जाएगा, जिसके बाद पब्लिक इस फ्लाईओवर से गुजरने लगेगी। इसके बाद पता चल जाएगा कि इस शीट का प्रयोग कितना सफल रहा है। अगर प्रयोग सफल रहता है तो निर्माणाधीन मुंशी पुलिया से पॉलीटेक्निक फ्लाईओवर और खुर्रमनगर से सेक्टर 25 इंदिरानगर चौराहे तक बन रहे फ्लाईओवर में भी इसका यूज किया जाएगा। इसका कारण यह है कि इन दोनों फ्लाईओवर्स से हैवी व्हीकल लोड गुजरेगा। सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी का कहना है कि इस दिशा में विचार किया जा रहा है।

सोमवार को होगा उद्घाटन

आईआईएम फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया है और शनिवार को सांसद राजनाथ सिंह भी राजधानी आ गए हैैं। पूरी संभावना है कि सोमवार को इस फ्लाईओवर का उद्घाटन किया जाएगा और जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस फ्लाईओवर के शुरू होने से सीतापुर रोड पर ट्रैफिक लोड खासा कम हो जाएगा। इस फ्लाईओवर के निर्माण में करीब 80 करोड़ का खर्च आया है और इसकी लंबाई करीब 1.95 किमी है। लंबे समय से पब्लिक इस फ्लाईओवर के उद्घाटन का इंतजार कर रही है।

तेजी से चल रहा काम

खुर्रमनगर से सेक्टर 25 इंदिरानगर चौराहे तक बन रहे फ्लाईओवर निर्माण कार्य भी रफ्तार पकड़ चुका है। पिलर तैयार हो चुके हैैं। इसी तरह मुंशी पुलिया फ्लाईओवर की बात की जाए तो कलेवा तक काफी तेज से काम हुआ है। दोनों ही फ्लाईओवर अगले साल तक पूरे हो पाएंगे। जिसके बाद जनता को रिंग रोड, मुंशी पुलिया, कलेवा और पॉलीटेक्निक पर लगने वाले जाम की समस्या से राहत मिल पाएगी।

जाम की समस्या आ रही सामने

जिन प्वाइंट्स पर फ्लाईओवर्स का निर्माण हो रहा है, उनसे कनेक्टेड रोड्स पर जाम की समस्या सामने आ रही है। जिसकी वजह से वाहन सवारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में डायवर्जन किया जाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही पब्लिक सेफ्टी के लिए निर्माणाधीन स्थलों पर बेरीकेडिंग्स किया जाना भी अति आवश्यक है।