लखनऊ (ब्यूरो)। बस अड््डों पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने का काम जारी है। इसी कड़ी में अब हर जिले में अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं वाले बस अड्डों के निर्माण की तैयारी है। प्रथम चरण में 16 जिलों के 24 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। यहां आने वाले यात्रियों के खाने-पीने से लेकर वेटिंग रूम, रेस्ट रूम समेत तमाम अनेक सुख सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए अक्टूबर में टेंडर जारी होंगे।

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार ने बताया कि बस अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं को देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अक्टूबर में प्रथम चरण के तहत 16 जिलों में 24 बस अड्डों को चिंहित कर उन्हें विकसित करने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। दूसरे चरण में 35 बस अड्डों का चयन किया जाएगा। बस अड्डों पर आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है।

मॉल की तरह होंगे विकसित

इस प्रक्रिया के तहत परिवहन विभाग बस अड्डों के लिए सिर्फ जमीन उपलब्ध कराएगा। प्राइवेट पार्टी उस पर बस अड्डा बनाकर देगी। बस अड्डों प्राइवेट पार्टी के पास कुछ वर्षों तक लीज के तौर पर रहेगा। मेंटीनेंस का पूरा जिम्मा प्राइवेट पार्टी के पास ही रहेगा। मेंटीनेंस के लिए 35 साल की अवधि तय की गई है, जिसे जरूरत के अनुसार बढ़ाया भी जा सकेगा। बस अड्डे का 70 फीसद एरिया खुला रहेगा और 30 प्रतिशत पर ही भवन का निर्माण किया जाएगा। भवन को माल की तरह विकसित किया जाएगा।

ये सुविधाएं भी मिलेंगी

- तमाम फूड रिटेल चेन की उपलब्धता

- खाने-पीने की कई बड़ी दुकानें

- खरीदारी के लिए आवश्यक वस्तुओं की दुकानें

- एस्केलेटर और लिफ्ट की भी सुविधा

गुणवत्ता पर रहेगा फोकस

यात्री सुविधाओं के निर्माण से लेकर बाकी सभी जरूरी चीजों का प्रबंध व खर्च प्राइवेट पार्टी को करना होगा। जमीन पर भी सरकार को 1 प्रतिशन डीएम सर्किल रेट के तहत लाभ मिलेगा। इसमें हर तीन साल में 10 प्रतिशत का इजाफा होगा। एमडी संजय कुमार के अनुसार, सरकार का पूरा फोकस गुणवत्ता पर है। गुणवत्ता अच्छी होगी तो यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। ज्यादा लोग रोडवेज की बसों से यात्रा करेंगे।

सरकार का पूरा फोकस यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने पर है। सुविधाएं अच्छी मिलेंगी तो बसों में यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होगा।

-संजय कुमार, एमडी