लखनऊ (ब्यूरो)। प्री-मैच्योर डिलीवरी और कम वजन के साथ जन्म लेने नवजातों में सुनने की क्षमता में समस्या सामान्य नवजातों के मुकाबले अधिक होती है। इसलिए ऐसे नवजात के जन्म लेने के बाद सुनने की क्षमता का तत्काल आंकलन करना चाहिए, ताकि समय रहते एक्सपर्ट की सलाह पर ट्रीटमेंट शुरू किया जा सके। यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई में न्यूरो ओंटोलॉजी विभाग द्वारा विश्व श्रवण दिवस के मौके पर सुनो-सुनाओ जागरूकता के कार्यक्रम के दौरान विभाग के हेड प्रो। अमित केशरी ने दी।

जन्म के बाद जांच जरूरी

प्रो। अमित ने बताया कि हम लोग सुनने की परेशानी को दूर करने के लिए कॉक्लियर इंप्लांट कर रहे है। इससे काफी बच्चों का लाभ मिला है। अगर बच्चे को सुनने में समस्या या नहीं सुनाई देता तो इससे नवजात के दिमाग के विकास पर असर पड़ता है, इसलिए इलाज जितना जल्दी संभव हो कराने की जरूरत है। ऐसे में जन्म लेने के बाद सभी शिशुओं के सुनने की क्षमता का परीक्षण करना चाहिए, जिसमें पांच मिनट का समय लगता है। वहीं, नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड प्रो। नारायन प्रसाद ने कहा कि किडनी से प्रभावित बच्चों में भी सुनने की क्षमता में कमी देखने के मिलती है। जबकि निदेशक प्रो। आरके धीमन ने हर संभव मदद करने की बात कही। कार्यक्रम के दौरान 20 बच्चों को सुनने की मशीन भी दी गई।

अंगदान व रक्तदान से बचाएं लोगों की जान

जरूरतमंदों का जीवन बचाने के लिए युवाओं और बड़े लोगों को, देहदान, रक्तदान और अंगदान जैसे समाजिक कार्यों से लोगों को जुड़ना चाहिए। साथ ही, दूसरों को इसके प्रति जागरूक भी करना चाहिए। एक व्यक्ति चार से पांच लोगों को जीवनदान दे सकता है। ये बातें शुक्रवार को संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड डॉ। नारायण प्रसाद और यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ। एमएस अंसारी ने मुंबई से काठमांडू तक बाइक से अंगदान को लेकर लोगों को जागरूक करने जा रहे नर्मदा किडनी फाउंडेशन के सदस्य मुंबई निवासी विनोद के पीजीआई पहुंचने के दौरान बताईं।

लोगों की जान बचानी चाहिए

किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके विनोद अब लोगों को अंगदान, देहदान और रक्तदान के लिए जागरूक कर रहे हैं। इस दौरान, डॉ। नारायण प्रसाद ने कहा कि दिल, गुर्दा, लिवर, पैंक्रियाज, आंत और फेफड़ों के अलावा स्किन, हड्डी, बोन मैरो, कार्निया, कारटिलेज व मांसपेशियां आदि का भी प्रत्यारोपण संभव है। इस मौके पर रेजिडेंट, मरीज, तीमारदार और स्टाफ के अन्य लोग मौजूद रहे।