लखनऊ (ब्यूरो)। सभी उपभोक्ताओं के पास बिजली का बिल तो आता है, लेकिन ज्यादातर सिर्फ बिल में अंकित जमा की जाने वाला अमाउंट ही देखते हैैं, जबकि उन्हें यह नहीं पता होता कि बिल में कुछ ऐसे कोड वर्ड भी होते हैैं, जिनके माध्यम से आप यह जान सकते हैैं कि आपका बिल रीडिंग और बिजली खपत के अनुसार बना है या नहीं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आपका बिल रीडर की गलती के आधार पर गलत बन गया हो। ऐसे में अब उप्र पावर कारपोरेशन की ओर से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल में अंकित होने वाले कोड वर्ड से जुड़ी जानकारी प्रसारित की गई है। जिसके माध्यम से आपको खासी राहत मिलेगी।

बिल में अंकित होते हैं ये कोड वर्ड
1-एमयू/ओके-अगर आपके बिजली बिल में एमयू/ओके लिखा हुआ है तो आपको कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। आपका बिजली बिल आपके घर में लगे रीडिंग के अनुसार ही बनाया गया है।
2-यूएम (अनमीटर्ड)-इस तरह की बिलिंग केस में माना जाता है कि मीटर नहीं लगा है और बिलिंग की गई है। अमूमन यह बिल अस्थाई मीटर कनेक्शन में बनाए जाते हैैं।
3-आईडीएफ (इंफॉर्म्ड डिफेक्टिव)-इस तरह के बिल तब जेनरेट किए जाते हैैं, जब माना जाता है कि उपभोक्ता के घर लगा मीटर खराब है। ऐसे में उपभोक्ता को औसत बिलिंग का सामना करना पड़ता है।
4-आरडीएफ (रांग मीटर रीडिंग एंट्री)-अगर आपके बिल में आरडीएफ लिखा है तो आप अलर्ट हो जाएं। इसकी वजह यह है कि मीटर रीडर की ओर से मीटर रीडिंग की रांग एंट्री कर दी गई है। जिससे साफ है कि आपके पास गलत बिल पहुंचा है। आप तत्काल 1912 या संबंधित उपकेंद्र में कंपलेन कर अपनी समस्या दूर करा सकते हैैं।
5-सीडीएफ (सीलिंग डिफेक्टिव)- बिल में सीडीएफ लिखे होने का मतलब यह है कि आपने इस बार निर्धारित से अधिक बिजली खपत की है। इसके साथ ही मीटर रीडिंग जंप की भी समस्या हो सकती है। यह भी हो सकता है कि आपका मीटर काम ही न कर रहा हो। ऐसे में आपको तुरंत संबंधित सबस्टेशन में संपर्क कर कंपलेन दर्ज करानी चाहिए।
6-एडीएफ (एपीयर्ड डिफेक्टिव)-बिजली बिल में अगर एडीएफ लिखा हो तो आप समझ जाएं कि पिछले दो माह की रीडिंग आपकी समान है। इस तरह समझें कि जैसे पिछले माह आपकी रीडिंग 900 रही थी और इस बार भी इतनी ही रीडिंग दर्ज की गई है। ऐसे केस में माना जाता है कि उपभोक्ता के घर में ताला लगा हो सकता है। अगर ऐसा नहीं है तो आप खुद अपनी समस्या दर्ज कराएं।

कोई ध्यान नहीं देता
करीब 70 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं को बिल में अंकित होने वाली बिंदुओं की जानकारी नहीं होती है। इसकी वजह से भी उपभोक्ता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए ही पावर कारपोरेशन अब अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी दे रहा है, जिससे प्रदेश भर के तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को हर जानकारी से अवगत कराया जा सके और उन्हें जागरूक भी किया जा सके। पावर कारपोरेशन की वेबसाइट पर जाकर भी बिलिंग, रीडिंग इत्यादि बिंदुओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही पावर कारपोरेशन के यू ट्यूब चैनल पर भी लगभग सभी बिंदुओं पर जानकारी उपलब्ध है।