लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में इन दिनों बिरयानी की खूब खपत हो रही है। लखनवाइट्स ईद के लिए भी बिरयानी का बल्क में ऑर्डर दे रहे हैं। शहर के दुकानदारों की माने तो शहर में जहां आम दिनों में करीब एक हजार किलो बिरयानी बनती और खाई जाती है, वहीं त्योहार के सीजन में खासकर रमजान और ईद में यह बढ़कर 25 हजार किलो तक पहुंच जाती है। दुकानदारों का कहना है कि महज ईद के लिए ही होटलों में 500 से हजार किलो बिरयानी की खपत हो जाती है।

40 किलो बनती है बिरयानी

नक्खास स्थित ईदरीस बिरयानी के अबू बक्र कहते हैं कि आम दिनों के मुकाबले हमारे यहां रमजान में रोजाना 40 किलो के आसपास बिरयानी बनती है। उनका कहना है कि चांदरात के ही दिन सारी खपत होती है, क्योंकि ईद के दिन दुकान बंद रहती है। ऐसे में ईद के लिए जो बिरयानी तैयार की जाती है वो 40 किलो के आसपास होती है। इसके अलावा लोग कोरमा, पराठे और शीरमाल भी खूब खरीदते हैं।

ईद के लिए मिला 60 किलो का ऑर्डर

अकबरी गेट स्थित मुबीन होटल के शोएब रिजवान कहते हैं कि रमजान भर हमारी दुकान 24 घंटे खुली रही। रमजान में रोजाना 50 किलो बिरयानी बना रहे थे। ईद के लिए भी चांद रात वाले दिन कई ऑर्डर भी मिलते हैं। आमतौर पर लोग 2 किलो, 5 किलो की बिरयानी बनवा रहे हैं। ऐसे में चांद रात के दिन बिरयानी की तादाद बढ़ जाती है। एक तरफ आम लोगों के लिए 50 किलो बिरयानी तो बनती ही है, ऑर्डर की 60 किलो बिरयानी भी हमारे कारीगर बनाते हैं।

ईद के दिन बनेगी 300 किलो बिरयानी

नौशीजान के मालिक शमीम शम्सी का कहना है कि आमतौर पर ईद के दिन कई दुकानें बंद रहती हैं, लेकिन हमारी शॉप खुली रहती है। हम ईद पर चिकन व मटन की 300 किलो बिरयानी बना रहे हैं। चूंकि ईद के दिन बिरयानी की डिमांड ज्यादा होती है ऐसे में होटल भी डिमांड के हिसाब से बिरयानी तैयार करते हैं।

कोरमा और शीरमाल की भी खूब डिमांड

दुकानदारों ने बताया कि ईद के लिए जो ऑर्डर मिल रहे हैं उनमें बिरयानी के अलावा चिकन व मटन कोरमा के साथ शीरमाल के ऑडर मिल रहे हैं। शोएब रिजवान बताते हैं कि ईद के लिए लोगों ने देसी घी का कोरमा और देसी घी की शीरमाल का खूब ऑर्डर दिया है।

6 लाख किलो हो रही चिकन की खपत

त्योहारों पर चिकन-मटन की भी खूब खपत होती है। पोल्ट्री फार्म संचालक आशुतोष सिंह ने बताया कि अमूमन लखनऊ शहर में रोजाना 6 लाख किलो चिकन की खपत होती है। जो त्योहारों में 2 से ढाई गुना बढ़ जाती है, वहीं मटन की बात करें तो जैसे रोजाना 10 हजार बकरे कटते हैं, यह संख्या त्योहारों पर तीन गुना हो जाती है।

चांद दिखते ही बाजारों में उमड़ी भीड़

शहर में शनिवार को ईद उल फित्र का त्योहार मनाया जाएगा। शुक्रवार को मगरिब की नमाज के बाद शिया व सुन्नी समुदाय के उलेमाओं ने चांद देखा। ईद का चांद देखने के बाद मरकजी चांद कमेटी और शिया चांद कमेटी के मौलानाओं ने ईद के चांद का ऐलान किया। मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के काजी ए शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह ने चांंद का ऐलान करते हुए कमेटी की तरफ से तमाम मुसलमानों को ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने बताया कि ईदगाह लखनऊ में ईद उल फित्र की नमाज शनिवार को सुबह 10 बजे होगी। वहीं, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष सैयद मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने चांद देखकर सभी को ईद की मुबारकबाद दी। साथ ही देश में अमन और शांति बनी रहने की भी दुआ की। उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द फितरा निकालते की भी अपील की। शिया चांद कमेटी ने ईद के ऐलान के साथ इंहेदामे जन्नतुल बकी 29 अप्रैल और हजरत इमामे जाफरे सादिक अस 6 मई को होने का ऐलान किया।

बाजारों में उमड़ी भीड़

चांद दिखते ही शहर के प्रमुख बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग इफ्तार के बाद ईद के लिए जरूरी सामान लेने निकले। चौक, नक्खास, अमीनाबाद की दुकानों पर महिलाएं खरीदारी करती नजर आईं। कपड़े से लेकर, चप्पल, ड्राईफूट्स की दुकानों पर खूब भीड़ देखने को मिली। चांद रात की वजह से मेहंदी और चूड़ी को लेकर महिलाओं में अलग क्रेज दिखा। दुकानों पर महिलाएं चूड़ी पहनने और मेहंदी लगवाने आईं। अलीगंज निवासी जुलेखा अपने शौहर के साथ नक्खास में सेवईं की खरीदारी करने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि ईद का चांद होते ही सेवईं खरीदने आई हूं। कुछ घरेलू सामान भी खरीदूंगी। वहीं, डालीगंज निवासी मारिया अपनी बहनों के साथ चूडिय़ां खरीदने आई। मारिया ने बताया कि रमजान में सारी शॉपिंग हो गई थी, लेकिन चांद रात की रौनक थी ऐसे में बाजार आना भी जरूरी था।