-योगी सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए पेश किया 5,50,278.78 करोड़ का बजट

-श्रमिकों-किसानों, महिलाओं व युवाओं को नई योजनाओं के जरिये साधने की कोशिश

-एक्सप्रेसवे परियोजनाएं, सड़कों समेत बुनियादी ढांचे पर खास जोर

LUCKNOW(22 Feb): योगी सरकार ने सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-21 के लिए 5,50,278.78 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। सूबे के इतिहास का पहला कागज रहित और अपना पांचवां व आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए सरकार ने चुनावी साल में मिशन 2022 के लक्ष्य संधान के लिए सारे जतन बजट में किए हैं। कोरोना महामारी का तीखा दंश झेलने के बावजूद सूबे के विकास की बड़ी लकीर खींचने की खातिर सरकार ने हौसला दिखाते हुए बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के लिए धनवर्षा की है। वहीं श्रमिकों, महिलाओं, किसानों और युवाओं को सौगातें देने के लिए भी खजाना खोला है। कोरोना आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने कोविड टीकाकरण समेत स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं। अयोध्या और काशी पर फोकस बरकरार रख सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का परचम भी लहराया है तो गौ माता के प्रति अपने सरोकारों को विस्तार दिया है।

बजट में 27,598.4 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं। चुनावी हसरतों को परवान चढ़ाने के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे को सकल राज्य घरेलू उत्पाद के चार फीसद से पार जाने का भी जोखिम उठाया है। सुबह 11 बजे विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 100 मिनट में बजट पेश किया तो विधान परिषद में यह जिम्मेदारी नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा ने निभाई।

प्रतियोगी छात्रों को टैबलेट : कॉलेज में दाखिला लेने वाले छात्रों को लैपटॉप मुहैया कराने की अपने संकल्प पत्र की बहुप्रतीक्षित घोषणा को भी सरकार ने अपने अंदाज में अमली जामा पहनाने का ऐलान किया है। युवा अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निश्शुल्क को¨चग कराने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से वर्चुअल माध्यम से जुड़नेवाले वाले पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने की घोषणा की है। वहीं संस्कृत विद्यालयों के निर्धन छात्रों को गुरुकुल पद्धति के अनुरूप निश्शुल्क छात्रावास व भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया है।

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कामगारों को सलाम : कोरोना आपदा के दौरान विभिन्न राज्यों से प्रदेश में वापस आए श्रमिकों व कामगारों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट आवंटन से 'मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना' शुरू की गई है। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के एक करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कवच भी मुहैया कराया जाएगा। राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकृत होने वाले इन श्रमिकों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ दिया जाएगा। दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता होने पर मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत दो लाख रुपये तक की मदद दी जा सकेगी। वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 100 करोड़ और मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजनाओं के लिए 12 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

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महिलाओं की फिक्र भी : चुनावी वर्ष में सरकार ने आधी आबादी का भी ख्याल रखा है। महिलाओं स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से दुग्ध क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए महिला साम‌र्थ्य योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए 100 करोड़ रुपये से मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना शुरू की जा रही है। कन्या सुमंगला योजना को परिष्कृत रूप से संचालित करने के साथ इसके लिए 1200 करोड़ आवंटित किए गए हैं। पुष्टाहार और पोषण कार्यक्रमों के लिए भी मोटी रकम की व्यवस्था की गई है।

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किसानों पर करम : पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच सरकार ने किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के लिए आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना संचालित करने की घोषणा की है जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ किसान के साथ परिवार के कमाऊ सदस्य और बटाईदार को देने का भी ऐलान किया गया है। किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये और रियायती दरों पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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स्वास्थ्य क्षेत्र को बूस्टर डोज : कोरोना आपदा से उपजी नई चुनौतियों के लिए बजट में इंतजाम किए गए हैं। कोरोना टीकाकरण के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। लखनऊ में पुणे जैसी वायरोलॉजी लैब की स्थापना की भी घोषणा की गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य परिचर्या सुविधाओं के लिए डायग्नोस्टिक बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए 1073 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। अमेठी और बलरामपुर में नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए 175 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 13 जिलों में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पूरा करने के लिए 1950 करोड़ रुपये का प्राविधान है। 16 असेवित जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए 48 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

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आसान होगा राम मंदिर तक पहुंचना : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य शुरू होने के बाद योगी सरकार राम नगरी के कायाकल्प में जुट गई है। अयोध्या में राम मंदिर तक एप्रोच रोड के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित करने के अलावा सूर्यकुंड सहित अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए 140 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये दिये गए हैं।

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बुनियादी ढांचे के विकास को तेज रफ्तार : संसाधनों की तंगी से जूझते हुए भी सरकार ने बुनियादी ढांचे के रफ्तार को भरपूर गति देने की कोशिश की है। एक साथ चार एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के विकास का मॉडल पेश कर अपनी चुनावी संभावनाओं को रफ्तार देने के लिए बजट में पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गंगा और गोरखपुर ¨लक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के लिए कुल 11,148 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सड़कों-सेतुओं के निर्माण व रखरखाव, ग्रामीण संपर्क मार्गों और रेल उपरिगामी सेतुओं के लिए कुल 29,121 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आगरा, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर में मेट्रो रेल परियोजनाओं और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए भी भरपूर संसाधन मुहैया कराए गए हैं। लंबित छह नहर परियोजनाओं के जरिये ¨सचाई क्षमता के विस्तार के लिए 3098 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जेवर एयरपोर्ट को दो से छह स्ट्रिप में तब्दील करने के ऐलान के साथ इसके निर्माण के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।

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बजट के मुख्य आवंटन

-एक्सप्रेसवे परियोजनाएं-11,148 करोड़ रुपये

-सड़क, सेतु, ग्रामीण संपर्क मार्ग व आरओबी-29,121 करोड़ रुपये

-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन-5,395 करोड़ रुपये

-आयुष्मान भारत योजना-1,300 करोड़ रुपये

-जल जीवन मिशन (ग्रामीण)-15,000 करोड़ रुपये

-अमृत योजना-2200 करोड़ रुपये

-स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)-2,031 करोड़ रुपये

-स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)-1,400 करोड़ रुपये

-प्रधानमंत्री आवास योजना- 17,029 करोड़ रुपये

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