लखनऊ (ब्यूरो)। कैंसर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग खास रणनीति तैयार कर रहा है। इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ कैंसर की पहचान करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और बचाव के लिए भी काम किया जाएगा।

महिलाओं में बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर

क्वीन मेरी की एचओडी डॉ। एसपी जैसवार ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के मामले में भारतीय महिलाएं सबसे आगे हैं। इसका कारण कम उम्र में शादी, मल्टीपल चाइल्ड बर्थ, खराब हाइजीन और सही पोषण न मिलना आदि है। महिलाएं रेगुलर चेकअप नहीं कराती हैं, जिससे इस बीमारी का समय रहते पता ही नहीं चलता है। जबकि इसे अगर शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। विवाहित महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए। इसकी वैक्सीन आ गई है। वैक्सीन की दो डोज 9 से 14 साल की बच्चियों में और तीन डोज 15 से 26 साल की उम्र के लोगों को लगवानी चाहिए।

लगेंगी आधुनिक मशीने

इस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल करने की योजना है। वहीं कैंसर की जांच के लिए हर जिला अस्पताल और जिलों के 10 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में थर्मल एबलेशन जैसी आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इससे कम समय में ही सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच हो जाएगी। फिलहाल निजी अस्पतालों में सर्वाइकल कैंसर से बचाव का टीका लगाया जा रहा है।

भारत ने बना ली है वैक्सीन

डॉ। मनोज शुक्ल, महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण ने बताया कि विदेश से आयात करने के कारण सर्वाइकल कैंसर का टीका अभी काफी महंगा है। अब देश में भी इस वैक्सीन को बना लिया गया है। यूपी संग अन्य राज्यों में इसे नियमित वैक्सीनेशन में शामिल करने की तैयारी है।

पहली बार जांच का आंकड़ा तैयार

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में पहली बार कैंसर की जांच के आंकड़े दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2019-21 के एनएफएचएस-5 आंकड़ों के अनुसार यूपी की 1.5 प्रतिशत महिलाओं ने सर्वाइकल कैंसर की जांच करवाई है। वहीं 0.4 प्रतिशत ने स्तन कैंसर की जांच करवाई है। इसी तरह 0.6 प्रतिशत महिलाओं लोगों ने मुंह के कैंसर की जांच कारवाई है। वहीं 1.1 प्रतिशत पुरुषों ने मुंह के कैंसर की जांच कारवाई है।

ये होते हैं लक्षण

-अधिक पानी जाने की शिकायत

-बच्चे दानी में इंफेक्शन

-बदबू या ब्लड युक्त पानी आना

-शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग