लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा का रिजल्ट बुधवार को जारी कर दिया गया। इसमें लखनऊ केकई हानहारों ने बाजी मारी है। हर्षिता सिंह ने यहां छठी रैंक हासिल कर राजधानी का मान बढ़ाया है।

फादर का सपना किया पूरा

मेरे फादर शैलेश कुमार तिवारी का सपना था कि घर में कोई जज हो। उनका सपना पूरा करने के लिए मैंने लॉ में एडमिशन लिया था। साथ ही साथ, कोचिंग भी शुरू कर दी। वहां के टीचर डॉ। टीआर सिंह मेरे मेंटर बने। आज मैं जो भी हूं, उनकी वजह से ही हूं। उन्होंने ही मुझे पूरी तैयारी कराई और लॉ की बारीकियों से अवगत कराया। जिसकी वजह से आज मैं यह सफलता हासिल कर सका हूं। इसी साल एपीओ में मेरी 10वीं रैंक आई थी। अब ज्यूडीशरी में सेलेक्शन हो गया है। मेरी पूरी फैमिली बेहद खुश है।

-कमलकांत तिवारी, 28वीं रैंक

परिवार से मिली प्रेरणा

मेरे फादर किसान हैं, जबकि मेरे दो भाई और एक भाभी भी जज हैं। ताऊजी एडीशनल एसपी हैं। घर में माहौल ही ऐसा रहा जिसने मुझे भी इस फील्ड में आने के लिए प्रेरणा दी। इसके लिए 2021 में एलएलएम प्रयागराज से किया। इस समय बतौर एपीए काम कर रहा हूं। जिसके बाद अब ज्यूडिशरी में आया हूं। यूपी में पहले ही प्रयास में सफलता हाथ लगी है। इसकी तैयारी के लिए खासतौर पर ताऊजी की गाइडेंस मिली। जिसकी बदौलत आज यह सफलता मिली है। पूरी फैमिली मेरी सफलता से बेहद खुश है।

-ब्रजेश कुमार पटेल, 167वीं रैंक

टीचर्स ने बताया

पहले इस एग्जाम के बारे में कुछ नहीं पता था। पर जब एलयू में लॉ में एडमिशन लिया, तो टीचर्स ने इसे बतौर करियर एक बेहतर आप्शन बताया। जिसके बाद मैंने जजेस के जजमेंट पढ़ना शुरू किए और इस दिशा में काम करने लगी, जिससे मुझे इस फील्ड में जाने की प्रेरणा मिली। जिसके बाद तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी शुरू कर दी। इसमें सीनियर्स और टीचर्स से हेल्प ली थी। मेन्स के आंसर लिखकर उनसे चेक कराती थी। प्री के लिए पुराने पेपर देखे और मॉक इंटरव्यू किए। इसमें एलयू से भी काफी मदद मिली।

-जागृति, 300वीं रैंक