लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ चैप्टर के अनुसार सीए के नए सिलेबस में 15.31 प्रतिशत स्टूडेंट्स को सफलता मिली है, वहीं पुराने सिलेबस में 1.42 प्रतिशत ही सफल हुए हैं।

टाइम मैनेजमेंट से मिली सफलता
लालबाग में रहने वाले अभय ने अमीनाबाद इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की और जेएनपीजी कॉलेज से बीकॉम किया। पिता शुत्रघ्न प्रताप सिंह नगर निगम में हैं और मां पद्मा गृहिणी हैं। साधारण परिवार से संबंधरखने वाले अभय ने कहा कि सफलता के लिए टाइम मैनेजमेंट ही उनका मूलमंत्र रहा। अभी कुछ समय वह एमएनसी में काम कर कुछ अनुभव प्राप्त करेंगे फिर उसके बाद अपनी प्रैक्टिस शुरू करेंगे।
- अभय त्रिपाठी

बिना रुकेकरते रहे प्रयास
पहले ही प्रयास में सफल होने वाली नम्रता चारबाग में रहती हैं और नवयुग रेडियंस से 12वीं तक पढ़ाई की है। लखनऊ स्टूडेंट्स से बीकॉम के बाद अब उन्हें यह सफलता मिली है। पिता प्रदीप कुमार अरोड़ा का अपना व्यवसाय है, मां वंदना गृहिणी हैं। नम्रता कहती हैं कि पढ़ाई में बिना रुके प्रयास करते रहने से सफलता मिलेगी।
- नम्रता अरोड़ा

पापा का सपना पूरा किया
मूलरूप से लखीमपुर के रहने वाले गोविंद यहां से सीए के लिए पढ़ाई कर रहे थे। पिता विजय कुमार गर्ग का अपना बिजनेस है और मां गृहिणी हैं। गोविंद बताते हैं कि उनके पिता की यह इच्छा थी कि गोविंद सीए बनें तो यह सफलता उन्हीं को समर्पित है।
- गोविंद गर्ग

गुरु ने दिखाया रास्ता
हजरंतगंज के लाप्लास में रहने वाले अविजित ने 12वीं तक सेंट फ्रांसिस से पढ़ाई की है और लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया है। पिता राज बहादुर सिंह वरिष्ठ पत्रकार व मां मधु सिंह गृहिणी हैं। अविजित बताते हैं कि उन्हें ट्यूशन पढ़ाने वाले गोविंद कश्यप ने उन्हें सीए बनने की प्रेरणा दी थी।
- अविजित राज सिंह

अब अच्छी सी जॉब करनी है
हनी गोमतीनगर इलाके में रहती हैं। ऑलमाइटी पब्लिक स्कूल से 12वीं और लखनऊ यूनिवर्सिटी से एमकॉम किया है। दोनों ग्रुप में एकसाथ सफल होने वाली हनी के पिता योगेश गोयल का अपना बिजनेस है और मां बबिता गृहिणी हैं। हनी सीए बनने के बाद सरकारी नौकरियों में अपने लिए संभावनाएं तलाशना चाहती हैं।
- हनी गोयल

सिविल सर्विसेज में जाना है
मैंने सारे ग्रुप पहले प्रयास में ही क्वालिफाई हो गए, मैं इसके बाद एमएनसी में कुछ समय काम करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करूंगी। मेरे पिता अजय कुमार हाईकोर्ट में एमआरओ है, जबकि मां शशि बाला हाउस वाइफ हैं।
- तनिषा

नौकरी के साथ सीए की तैयारी
श्रृंगारनगर के रहने वाले गगनदीप के पिता हरभजन सिंह गुरुद्वारे में हेड ग्रंथी हैं और मां प्रीत कौर गृहिणी हैं। गगनदीप पिछले कई वर्षों से सीए में सफलता हासिल करने की कोशिश में लगे थे। साथ ही नौकरी भी कर रहे थे। दोनों में सामंजस्य बनाकर उन्होंने सफलता हासिल की।
- गगनदीप सिंह

बहुत धैर्य रखा, तब मिली सफलता
इन्दिरानगर की रहने वाली हर्षिता लम्बे समय से सीए के लिए कोशिश कर रही थीं मगर सफलता हाथ नहीं लग रही थी। सब कहने भी लगे थे कि कोशिश छोड़ दो लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सफल हुईं। पिता कृष्णेन्द्र सिंह शिक्षक व मां सुमन उप्र निर्माण निगम में हैं।
- हर्षिता बैसवार

दादाजी की आखिरी ख्वाहिश पूरी
आईपीएस अफसर स्व। वाईडी कपूर के पोते सूरज ने सीए बनकर अपने दादाजी की अंतिम इच्छा पूरी की है। एलपीएस से 12वीं की पढ़ाई, दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम करके सीए की तैयारी करने वाले सूरज के पिता सुशील कुमार बिजनेस करते हैं, मां नीरू गृहिणी हैं।
- सूरज कपूर

अपना फर्म शुरू करना है
साल 2015 में से सीए की तैयारी शुरू की। मैं मैनेजमेंट में ही करियर बनाना चाहता हूं। अब मै अपनी प्रैक्टिस शुरू करूंगा, अभी मेरे पास कुछ क्लाइंट है पर किसी फर्म के साथ जुड़कर काम करूंगा। मेरे पिता रमेश चंद अमीनाबाद में कपड़े की दुकान में काम करते है। जबकि मां हाउस वाइफ हैं।
- आकाश मल्होत्रा

इसे भी जानें
कुल शामिल स्टूडेंट्स - 720
ग्रुप एक में पास स्टूडेंट्स - 70
ग्रुप दो में पास स्टूडेंट्स - 74
दोनों ग्रुप में पास स्टूडेंट्स - 19
कुल पास स्टूडेंट्स- 163