12वीं क्लास की स्टूडेंट थी

10 फरवरी से थी लापता

8 दिन बाद चालू हुआ मोबाइल फोन

तारीख- 15 फरवरी 2016

समय- 9 बजे सुबह

स्थान- लोहिया पथ

- लोहिया पथ पर नाबालिग छात्रा की रेप के बाद कर दी गयी थी हत्या

- फॉरेंसिक जांच के बाद अरेस्ट हुए थे आरोपी, घटना ने राजधानी में मचा दिया था हड़कंप

LUCKNOW:15 फरवरी 2016समय सुबह के नौ बजेजगह लोहिया पथअचानक पुलिस की गाडि़यां वहां रुकने लगीं और अधिकारी चुपचाप रेलिंग के कट से नाले की ओर जाने लगे। उधर से गुजर रहे राहगीर माजरा समझने के लिये रेलिंग से सटकर नाले की ओर झांकने लगे। जहां एक नाबालिग लड़की की लाश नग्न हालत में फंदे से लटकी थी। मुख्यमंत्री आवास से चंद कदमों की दूरी पर हुई इस घटना की खबर जंगल में आग की तरह फैली तो हड़कंप मच गया। देखते ही देखते वहां मीडियाकर्मियों का भी जमावड़ा लग गया। मृतका के प्राइवेट पा‌र्ट्स से खून निकला था, जिससे साफ पता चल रहा था कि उसकी रेप के बाद हत्या की गयी है। पुलिस ने आनन-फानन शव को मौके से हटाते हुए पोस्टमार्टम के लिये भेजा।

12वीं की स्टूडेंट थी

छानबीन में पता चला कि बरामद लाश जानकीपुरम निवासी व रानी लक्ष्मीबाई स्कूल में कक्षा 12 की छात्रा की है और वह 10 फरवरी से लापता थी। लाश देखने के बाद परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। जांच मे जुटे पुलिस अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा था कि छात्रा जानकीपुरम से यहां कैसे पहुंची और उसके संग दरिंदगी किसने की। वहीं, मौके से छात्रा का मोबाइल फोन, स्कूल बैग व साइकिल भी नदारद थी। पुलिस के लिये घटना की जांच ऐसी पहेली थी, जिसका सुलझ पाना नामुमकिन लग रहा था।

टर्निग प्वाइंट

जांच में जुटी पुलिस टीम ने छात्रा का मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया। पर, छात्रा का मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा था। वहीं, हत्यारों का सुराग लगाने में जुटी पुलिस टीमों के हाथ भी लगातार नाकामी हाथ लग रही थी। इसी बीच लाश बरामद होने के करीब आठ दिन बाद अचानक छात्रा का मोबाइल फोन गोसाईगंज एरिया के एक गांव में ऑन हुआ। यह जानकारी मिलते ही पुलिसकर्मियों की बांछे खिल गयीं। आनन-फानन पुलिस टीम गोसाईगंज पहुंची तो वह मोबाइल फोन एक महिला के पास बरामद हुआ। पूछताछ में महिला ने बताया कि यह मोबाइल फोन उसके पति ने उसे लाकर दिया है। उसने बताया कि उसका पति सतगुरु लखनऊ में ही रिक्शा चलाता है। मोबाइल लेकर टीम लौट आयी लेकिन, उसके हाथ पहला सुराग लग चुका था और यही केस का टर्निग प्वाइंट था।

रिक्शा चालक को दबोचा

इधर, लखनऊ में पुलिस ने गोल्फ क्लब के पास से रिक्शा चालक सतगुरु को दबोच लिया। शुरुआती पूछताछ में सतगुरु ने पुलिस को बताया कि वह मोबाइल फोन उसे सड़क पर पड़ा मिला था। हालांकि, उसका यह बयान पुलिस को हजम नहीं हो रहा था। लिहाजा उससे सख्त पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ में वह टूट गया और उसने बताया कि जिस जगह लाश बरामद हुई उसी के पास उसे मोबाइल फोन पड़ा मिला था। उसने बताया कि लाश मिलने वाली जगह पर रिक्शा चालक दीपू और गोल्फ क्लब में कैडी माइकल व सगीर को उसने नशा करते देखा था।

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फॉरेंसिक साक्ष्यों ने दिलायी सफलता

पुलिस टीम ने दीपू, सगीर और माइकल को दबोच लिया। पूछताछ में उन तीनों ने छात्रा के साथ रेप और उसकी गला घोंटकर हत्या करने और उसके बाद लाश को फंदे से लटकाने की बात कुबूल ली। लेकिन, उनके सामने सवाल था कि वे बिना किसी चश्मदीद की गवाही के उन्हें दोषी कैसे साबित किया जाए। तत्कालीन एसएसपी राजेश पांडेय ने फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर आगे बढ़ने का फैसला किया। छात्रा के शरीर से उठाए गए फॉरेंसिक साक्ष्यों का तीनों आरोपियों के डीएनए से मिलान कराया गया। यह सभी फॉरेंसिक साक्ष्य उन तीनों के डीएनए सैंपल से मैच कर गए। जिसके बाद उन तीनों को अरेस्ट कर लिया गया। राजधानी का यह पहला मामला था जिसमें पुलिस ने फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर दोषियों के खिलाफ चार्जशीट लगायी और इसकी वजह से अब उन्हें सजा होने से कोई रोक नहीं सकता।