लखनऊ (ब्यूरो)। सैरपुर के नरहरपुर इलाके में सरकारी नंबर की एक कार शनिवार देर रात अनियंत्रित होकर नाले में जा गिरी। कार में उपभोक्ता फोरम के रिटायर्ड जज के ड्राइवर का बेटा समेत पांच लोग सवार थे। जिसमें से चार की मौत हो गई वहीं एक को कार से सुरक्षित निकाल लिया गया। पांचों दोस्त शनिवार रात घूमने निकले थे। परिवार वाले देर रात तक उनका इंतजार करते रहे और सुबह उनके मौत की सूचना मिली। एक पल मेें चार परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं।

पांचों दोस्त रात में घूमने निकले थे

इंस्पेक्टर सैरपुर के मुताबिक, उपभोक्ता फोरम के रिटायर्ड जज के ड्राइवर अमरनाथ यादव का बेटा जानकीपुरम के वषिष्ठपुर निवासी संदीप यादव (30) साथी मडिय़ांव के गायत्रीनगर के निखिल शुक्ला (30) मडिय़ांव ककौली बड़ी खुदान के अंकित श्रीवास्तव (28) मडिय़ांव श्रीनगर कॉलोनी के राकेश यादव (28) व मडिय़ांव के भरतनगर के सत्यम पांडेय (28) के साथ शनिवार रात कार से घूमने निकला था।

रोड किनारे नाले में गिरी मिली कार

वे आईआईएम रोड पर नरहरपुर के पास पहुंचे ही थे कि तभी कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे नाले में जा गिरी। देर रात हुए हादसे के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। सुबह करीब सात बजे राहगीरों ने नाले में कार गिरने की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने कार सवार पांचों को बाहर निकाला। जिसमें से सत्यम की हालत स्थिर देख पास के ही निजी अस्पताल भिजवाया गया। वहीं संदीप, निखिल, अंकित, राकेश को ट्रामा सेंटर भेजवाया गया। जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि संदीप के पिता अमरनाथ ने यह सरकारी नंबर की कार नीलामी में खरीदी थी।

स्विच ऑफ हो गया मोबाइल

मडिय़ांव के गायत्रीनगर निवासी वीवीआईपी गेस्ट हाउस में मैनेजर के पद पर कार्यरत देवेंद्र शुक्ला ने बताया कि बेटा निखिल शुक्ला चोला मंडलम फाइनेंस कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत था। वह शनिवार सुबह करीब 9 बजे बाइक से ऑफिस के लिए निकला था। रात में करीब 9.30 बजे उसकी मां सीमा ने फोन किया तो निखिल ने कृष्णानगर में एक कस्टमर के घर विजिट कर एक घंटे में आने की बात कहकर फोन काट दिया। काफी देर इंतजार करने के बाद भी बेटा नहीं आया। करीब 10.30 बजे फोन किया तो निखिल का फोन स्विच ऑफ था। इसके बाद कई बार फोन किया पर संपर्क नहीं हो पाया।

तो शायद बच जाती जान

रात करीब दो बजे देवेंद्र शुक्ला मडिय़ांव थाने गए और बेटे का मोबाइल स्विच ऑफ होने और अभी तक घर न पहुंचने की बात बताई। इसपर वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें कृष्णानगर थाने जाकर शिकायत दर्ज कराने की बात कहकर लौटा दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई कर खोजबीन की होती तो शायद बेट की जान बच जाती। राहुल की तीन वर्ष पूर्व शादी हुई थी। परिवार में पत्नी प्रियंका और डेढ़ वर्ष का बेटा है।

दोस्तों के घर से फोन आने पर हुई जानकारी

संदीप की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। भाई विनीत ने बताया कि पता ही नहीं चला कि संदीप कब कार लेकर घर से निकल गया। देर रात निखिल के घर से फोन आया तो संदीप के कमरे में भाग कर देखा तो वह कमरे में नहीं था। कार भी घर पर नहीं थी। फोन मिलाया तो फोन स्विच ऑफ था। आसपास तलाश किया पर उसका कुछ पता नहीं चला। उसके दोस्तों अंकित, राकेश और सत्यम के घर फोन किया तो पता लगा कि वे भी घर पर नहीं है। इसपर लगा कि सभी दोस्त कहीं घूमन गए होंगे सुबह तक आ जाएंगे। सुबह पुलिस से सूचना मिली कि उनकी कार नाले में गिर गई है। वह मौके पर पहुंचे तब तक भाई की मौत हो चुकी थी। संदीप निजी बैंक में सेल्स की नौकरी करता था।

सुबह मिली मौत की खबर

मडिय़ांव निवासी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि भाई अंकित शैल हेल्थ केयर सेंटर में काम करता था। वह सुबह ड्यूटी के लिए निकला था। रात 10 बजे तक घर न लौटने पर फोन किया तो उसने थोड़ी देर में घर आने की बात कही। सुबह अंकित की मौत की खबर सुनते ही सबके होश उड़ गए। कुछ समझ में नहीं आया कि अचानक यह क्या हो गया। परिवार में पिता उमाशंकर, मां नीलम और बहन शालिनी श्रीवास्तव हैं।

पल भर में सब खत्म हो गया

राकेश के पिता अयोध्या प्रसाद यादव बिल्कुल चुप खड़े थे। रुहासे गले से उन्होंने कहा कि पल भर में सब खत्म हो गया। राकेश एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। चार वर्ष पहले उसकी शादी हुई थी। दो वर्ष का एक बेटा है। इतना लंबा जीवन अब कैसे कटेगा।