- गोमती नगर निवासी एक परिवार ने प्रकृति की रक्षा के लिए साइकिलिंग को खुशी से अपनाया

- दूसरों को भी करते हैं साइकिलिंग चलाने के लिए प्रेरित

LUCKNOW

घर में कार है और स्कूटी भी। इसके बावजूद पूरा परिवार साइकिल की ही सवारी करता है। उद्देश्य यही है कि प्रकृति की रक्षा हो और वे खुद भी फिट रहें। पहले तो लोगों ने उनका मजाक उड़ाया लेकिन अब स्थिति यह है कि कई लोग उनके साथ जुड़े चुके हैं और साइकिलिंग को अपना चुके हैं। हम बात कर रहे हैं गोमती नगर में रहने वाले विशाल शर्मा की, जिनके पूरे परिवार के लिए साइकिल जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है।

बचपन में खूब साइकिलिंग की

विशाल की माने तो उन्होंने बचपन में काफी साइकिलिंग की लेकिन गुजरते वक्त के साथ उनका शौक कहीं खोकर रह गया। करीब चार साल पहले उन्होंने फिर से साइकिलिंग को अपनाने की ठानी। पहले तो उन्होंने अपनी शॉप और छोटे-छोटे कार्य साइकिल से निपटाना शुरू किये। जैसे-जैसे वक्त गुजरा, उन्होंने घर में खड़ी कार और स्कूटी से किनारा कर लिया और हर जगह साइकिल से जाने लगे। कई बार लोगों ने उन्हें टोका और मजाक भी उड़ाया लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

परिवार ने भी दिया साथ

परिवार में पत्नी प्रिया और दस वर्षीय बेटे अविरल ने भी साइकिलिंग को अपनाया। पहले तो उन्हें थोड़ी समस्या हुई लेकिन विशाल ने उनका हौंसला बढ़ाया। अब आलम यह है कि परिवार को कहीं भी जाना होता है तो सभी लोग अपनी साइकिल पर सवार होकर ही जाते हैं।

लोगों को किया प्रेरित

विशाल का कहना है कि वह पार्को में जाकर लोगों को साइकिलिंग के प्रति जागरुक कर रहे हैं। कई बार लोग उनका अपमान भी कर देते हैं लेकिन वह हिम्मत नहीं हारते। रोजाना अलग-अलग पार्क में जाकर लोगों को साइकिलिंग के फायदे से रूबरू कराते हैं। अब उनके कारवां में 200 से अधिक लोग जुड़े चुके हैं।

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प्रकृति की रक्षा जरूरी

विशाल का कहना है कि राजधानी में लगातार पॉल्यूशन बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि साइकिलिंग को अपनाया जाए। वे अपने दोस्तों, रिलेटिव्स को भी साइकिल से ऑफिस जाने के लिए प्रेरित करते हैं।

एक महीने में एक बार करते स्टार्ट

विशाल का कहना है कि जब से उन्होंने व उनके परिवार ने साइकिलिंग को अपनाया है, तब से घर में खड़ी कार और स्कूटी शोपीस बन चुकी हैं। ऐसे में वह महीने में एक बार दोनों गाडि़यों को स्टार्ट करके चेक जरूर कर लेते हैं।