- फ्रंट लाइन पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिये जल्द घोषित होगी कार्ययोजना

- 112 मुख्यालय में वर्क फ्रॉम होम की तैयारी, जल्द खरीदे जाएंगे 200 लैपटॉप

LUCKNOW:

पुलिसकर्मियों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने यूपी पुलिस में हड़कंप मचा दिया है। फ्रंटलाइन पर तैनात पुलिसकर्मियों को किस तरह से कोरोना के शिकंजे से बचाया जाए, इसके लिये डीजीपी मुख्यालय में कार्ययोजना तैयार की जा रही है और इसे जल्द ही जारी किया जाएगा। वहीं, आपात सेवा 112 मुख्यालय में संक्रमण के खतरे की आशंका के चलते वर्क फ्रॉम होम की सुविधा बढ़ाकर आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारी चल रही है। 112 मुख्यालय ने कॉल टेकर्स के लिए 200 लैपटॉप का प्रस्ताव शासन को भेजा है। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद वित्त विभाग की अनुमति का इंतजार है।

49 तक पहुंचा मरीजों का आंकड़ा

सूबे में अब तक कानपुर, वाराणसी, बिजनौर, मुरादाबाद, आगरा व फीरोजाबाद में कोरोना पॉजिटिव पुलिसकर्मियों की संख्या 49 हो गई है। सर्वाधिक पुलिसकर्मी कानपुर में कोरोना के संक्रमण का शिकार हुए हैं। वहां एसएसपी के पीआरओ तक इसकी चपेट में आकर अपना इलाज करा रहे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों में आगरा में 112 पीआरवी पर तैनात हेड कांस्टेबिल भी है। हेड कांस्टेबिल के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 112 के कई पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन भी किया गया। पुलिसकर्मियों में संक्रमण की बढ़ती तादाद ने लॉक डाउन का फ्रंटलाइन पर तैनात होकर पालन करा रही यूपी पुलिस के मुख्यालय में हड़कंप मच गया है। बताया गया कि पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिये मुख्यालय में गहन मंथन चल रहा है और जल्द ही एडवायजरी जारी की जाएगी। इसके अलावा पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिये एहतियातन पीपीई किट व जांच को लेकर भी जल्द निर्णय लिया जाएगा।

128 कॉल टेकर कर रहे वर्क फ्रॉम होम

112 मुख्यालय में करीब 128 कॉल टेकर को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है। 200 लैपटॉप मिलने पर इतनी ही कॉल टेकर और घर से काम कर सकेंगी। कुल करीब 675 कॉल टेकर में 328 कॉल टेकर के घर से काम करने की स्थिति में आपात सेवा को आसानी से सुचारू रखा जा सकेगा। एडीजी 112 असीम अरुण का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 112 मुख्यालय में कॉल टेकर व पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। कॉल टेकर को ग्रुप में बांटकर अलग-अलग छह हॉल में उनके बैठने की व्यवस्था की गई है। दूसरी ओर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने भी पुलिसकर्मियों को अपनी सुरक्षा के कड़े निर्देश देने के साथ ही पर्यवेक्षण अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की है।