लखनऊ (ब्यूरो)। अब आंतों के रोग की सही जानकारी मिल सकेगी, जिसके लिए आंत से पानी निकालकर बैक्टीरिया की जांच की जाएगी। इसके लिए संजय गांधी पीजीआई के गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के एचओडी और प्रो। यूसी घोषाल और उनकी टीम ने मेक इन इंडिया के तहत कैथेटर इजाद किया है। जिसे घोषाल माइक्रोबॉयोटा सैंपलर नाम दिया गया है। संस्थान ने इसका पेटेंट भी करा लिया है। इससे मरीजों को कम दाम में जांच की सुविधा मिल सकेगी।

पेटेंट भी किया हासिल

प्रो। यूसी घोषाल के मुताबिक, आंतों में होने वाली बीमारियों की सटीक जांच और जानकारी के लिए एक ऐसा सस्ता और सुलभ कैथेटर तैयार किया गया है, जिसकी मदद से आंत के पानी को निकालकर उसमें मौजूद बैक्टिरिया के बारे में पता लगाया जा सकता है। इसको लेकर करीब 70 मरीजों पर स्टडी की गई थी। जिसके सफल परीक्षण के बाद इसे ड्रग कंट्रोलर ऑफ जनरल ऑफ इंडिया द्वारा मंजूरी भी मिल गई है। इस कैथेटर का पेटेंट भी कराया जा चुका है। इस कैथेटर को देखते हुए आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने भी कुछ बदलाव करके अलग कैथेटर बनाया है।

बेहतर हो सकेगा बीमारी का इलाज

प्रो। घोषाल आगे बताते हैं कि इस कैथेटर की मदद से आंत में मौजूद बैक्टीरिया की स्थिति और उनकी संख्या के बारे में पता लगाया जा सकता है। इसकी मदद से स्माल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ की सटीक जानकारी की जा सकती है, जिससे आंतों की बीमारी का सटीक इलाज संभव हो सकेगा। साथ ही आईबीडी संबंधित बीमारियों के बेहतर ट्रीटमेंट में भी मदद मिलेगी। इस कैथेटर की सबसे खास बात यह है कि यह अन्य कैथेटर के मुकाबले न केवल बेहद सस्ता होगा, बल्कि ज्यादा सटीक जांच करने में भी मदद मिलेगी। जिससे डॉक्टरों को बेहतर इलाज करने के साथ मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।