- बोर्ड ने सभी स्कूलों को भेजा लेटर

- अभियान के अंतर्गत बोर्ड स्कूल, पैरेंट्स और खुद स्टूडेंट्स के लेवल पर विशेष जागरूकता व सजगता का प्रचार-प्रसार करेगा

LUCKNOW: बच्चों में लैंगिक असमानता, यौन उत्पीड़न व अभद्र टिप्पणी का शिकार होगा तो यकीनन उसका भविष्य अंधकारमय होगा। स्कूल लेवल पर बच्चों को इन सभी परेशानियों दूर रखने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने मुस्कान बचाओ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत बोर्ड स्कूल, पैरेंट्स और खुद स्टूडेंट्स के लेवल पर विशेष जागरूकता व सजगता का प्रचार-प्रसार करेगा।

आवश्यक कदम उठाएं स्कूल

सीबीएसई बोर्ड के अनुसार देश में ख्0क्ख् से लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण पाक्सो अधिनियम लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत देशभर के सीबीएसई के स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां बच्चों को लैंगिक असमानता, यौन उत्पीड़न व अभद्र टिप्पणी से होने वाले नुकसान से बचाने की दिशा में कदम उठाएं।

ह्युमन राइट्स एंड जेंडर स्टडीज

सीबीएसई बोर्ड की इस कोशिश में लैंगिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अध्ययन सामग्री तैयार करने और उसके समग्र सतत मूल्यांकन प्रणाली के अंतर्गत विशेष रूप से बच्चों के बीच ले जाने पर जोर दिया गया है। बोर्ड ने पहली से बारहवीं क्लास के लेवल पर प्रायोगिक गाइड को भी महत्व दिया है, जिसके माध्यम से अध्यापन कार्य को जेंडर फ्रेंडली बनाया जा सकता है। इसी तरह बोर्ड बारहवीं के स्टूडेंट्स के लिए एक नया इलेक्टिव कोर्स ह्युमन राइट्स एंड जेंडर स्टडीज भी उपलब्ध करा रहा है।