लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में चेन लूट की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन मार्केट या फिर मॉर्निंग वॉक पर निकली महिलाओं को निशाना बनाकर चेन स्नैचिंग की जा रही है। बावजूद इसके लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस इन लुटेरों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। शनिवार देर शाम एक बार फिर बाइक सवार दो बदमाशों ने एक महिला को शिकार बनाया। आशियाना थाना क्षेत्र में हुई घटना में महिला ने बचने का प्रयास भी किया, लेकिन लुटेरे उसे धक्का देकर चेन लूट फरार हो गए। महिला चोटिल भी हो गई। लगातार इस तरह के मामले सामने आने पर मॉर्निंग और ईवनिंग वॉकर्स में डर का महौल पैदा हो गया है।

3 महीने में 15 से ज्यादा वारदातें

शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्र के अंतर्गत आए दिन चेन लूट की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सिर्फ तीन महीने में ही पंद्रह से ज्यादा लूट की वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। इनमें आशियाना, गाजीपुर, पीजीआई, गोमती नगर, विभूतिखंड, मड़ियांव, जानकीपुरम, अलीगंज आदि थाना क्षेत्र शामिल हैं। पुलिस इन लुटेरों को दबोचने के लिए सीसीटीवी और सर्विलांस टीम की मदद ले रही है। वहीं, हर जोन में थाना पुलिस के अलावा स्पेशल क्राइम टीम के साथ सर्विलांस टीम भी आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए तैनात है।

कागजों में सिमटी पुलिस की प्लानिंग

बता दें कि शहर में जगह-जगह हजारों की संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन्हीं कैमरों की वजह से पुलिस ने कई बार बड़ी-बड़ी वारदातों का खुलासा भी किया है, लेकिन लूट की वारदातों की बात करें तो इस पर लगाम लगाना मुश्किल साबित हो रहा है। ऐसे में अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए मुखबिर तंत्र, गोपनीयता और बीट व्यवस्था महज कागजों तक सीमित रह गई है। जिस वजह से चेन लुटेरों के आगे पुलिस की रणनीति पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। जिसका फायदा लुटेरे उठा रहे हैं। जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि के मुताबिक, लुटेरों को दबोचने के लिए शहर के सभी थानों को अलर्ट किया गया है, ताकि स्नैचिंग की वारदात पर अंकुश लगाया जा सके।

आखिर दावे क्यों हो रहे फेल?

पुलिस का दावा है कि पिछले दिनों जानकीपुरम, गोमतीनगर, चिनहट, आलमनगर समेत अन्य कई थानों की पुलिस अपने-अपने एरिया में हुई चेन और मोबाइल लूट की घटनाओं को सुलझाने में कामयाब रही। ऐसे में सवाल है कि जब पुलिस चेन लुटेरों पर अंकुश लगा रही है तो आखिर ऐसे वारदातें क्यों आम हो रही हैं। इसे लेकर लखनऊ पुलिस क्यों कोई सख्त कदम नहीं उठाती? हालांकि, पुलिस का कहना है कि ज्यादातर केसों में लुटेरों के पास मोबाइल नहीं होता है और न उनकी बाइक की नंबर प्लेट असली होती है।

योजनाएं भी हुईं हवा हवाई

योजना-1

वर्ष 2019 में शक्ति मोबाइल स्कीम योजना शुरू की गई थी। इसमें हर स्कूल, कॉलेज के बाहर पुलिस फोर्स शक्ति मोबाइल मौजूद रहती थी। इस योजना से शोहदों के हौसले टूट गए थे, लेकिन अब यह व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई है।

योजना-2

वर्ष 2018 में स्नैचर्स वैरीफिकेशन स्कीम शुरू की गई थी। इसके तहत करीब 450 स्नैचर्स को जेल भेजा गया। पुलिस उनके ऊपर लगातार नजर भी रख रही थी, लेकिन अब ये स्कीम खत्म हो गई।

योजना-3

वर्ष 2020 में मार्निंग वॉकर के साथ क्राइम को रोकने के लिए नमस्ते लखनऊ स्कीम चलाई गई। इसमें पुलिस पार्कों में जाकर मॉर्निंग वॉकर्स से मिलती थी और रजिस्टर में उनका नाम व पता दर्ज करती थी, लेकिन अब यह सिर्फ कागजों पर रह गई है।

केस-1

आशियाना थाना पुलिस को दी शिकायत में रंजना मौर्या ने बताया कि वह आशियाना में परिवार समेत रहती हैं। 30 सिंतबर की शाम वह घर से टहलने के लिए निकली थी। सिंचाई विभाग कालोनी के पास पहुंची तो बाइक सवार दो आरोपियों ने उनकी सोने की चेन लूट ली। आरोपियों का पीछा भी किया, लेकिन वह फरार होने में कामयाब हो गए।

केस-2

जुलाई 2023 को गोमतीनगर के विरामखंड निवासी शालिनी पड़ोसी के घर सुंदरकांड में शामिल होने जा रही थीं। घर के पास ही बाइक सवार दो लुटेरे पहुंचे और एक लुटेरा बाइक से उतरा और पीछे से चेन खींचकर साथी संग फरार हो गया।

केस-3

जून 2023 को आशियाना के रश्मीखंड निवासी माधुरी दुबे बेटे राघवेंद्र के साथ सुबह स्मृति उपवन पार्क में टहल रही थीं। इस दौरान लुटेरों ने महिला के गले पर झपट्टा मारकर चेन लूट ली। बेटे ने दौड़ाया, लेकिन तब तक बदमाश पार्क की दीवार फांदकर भाग निकले।

केस-4

मई 2023 को केशवनगर में बाइक सवार दो बदमाशों ने भरतनगर निवासी सरोज दीक्षित नामक एक महिला से चेन लूट ली। महिला ने शोर मचाया, लेकिन तबतक बदमाश भाग निकले। पुलिस जांच में दोनों बदमाश सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

आंकड़ों से जानें हकीकत

वर्ष वारदात

2020 66

2021 41

2022 30

2023 36