- साउंड पॉल्यूशन में चारबाग पहले तो आलमबाग दूसरे नंबर पर

- रोक के बावजूद जमकर फूटे पटाखे, साउंड पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ा

- आईआईटीआर ने जारी की पॉल्यूशन की रिपोर्ट

LUCKNOW :

एनजीटी की रोक के बावजूद दिवाली वाले दिन जमकर पटाखे चलाए गए। नतीजा एयर और साउंड पॉल्यूशन में बड़ा उछाल देखने को मिली। आलम यह रहा कि पॉल्यूशन का पिछले साल का रिकॉर्ड तक टूट गया। यह सच भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) की सोमवार को जारी दीवाली प्रदूषण पर रिपोर्ट से सामने आया है।

यह रहा पॉल्यूशन स्तर

रिपोर्ट में साफ है कि 14 नवंबर को पीएम 10 का स्तर 164 फीसद और पीएम 2.5 का स्तर 282 प्रतिशत अधिक रिकॉर्ड किया गया। यही नहीं, शोर ने भी बीते वर्ष के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया। सबसे अधिक पटाखों के धमाके चारबाग में और सबसे कम चौक में रिकॉर्ड हुए।

सात जगहों से जुटाया डाटा

आईआइटीआर के एन्वायरमेंटल मॉनिट¨रग डिवीजन ने शहर के सात स्थानों (चारबाग, चौक, अलीगंज, विकास नगर, इंदिरा नगर, अमीनाबाद, गोमती नगर, आलमबाग और अमौसी) में एयर व साउंड पॉल्यूशन की नाप-जोख की गई। संस्थान ने दीवाली के एक दिन पहले व दूसरे दिन व दीवाली के दिन को चुना।

दीवाली के पहले

13 नवंबर को पीएम 10 का स्तर 219.97 और पीएम 2.5 का स्तर 228.64 रिकॉर्ड किया गया।

दीवाली के दिन

पीएम 10 का स्तर 240.68 रहा। वहीं, पीएम 2.5 मानक 100 के मुकाबले लगभग छह गुना अधिक 604.12 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड हुआ।

छह गुना बढ़ा पॉल्यूशन

दिवाली पर इस बार पॉल्यूशन ने बीते वर्ष के रिकॉर्ड तोड़ दिए। रिपोर्ट में पीएम 10 इस बार मानक से छह गुना अधिक 604 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड हुआ, जो बीते वर्ष 536 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था। पीएम 2.5 इस वर्ष 402 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। बीते वर्ष 346 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा था।

चारबाग में रहा सबसे अधिक शोर

वैसे तो पूरे शहर में जमकर पटाखे फोड़े गए लेकिन, सबसे अधिक शोर चारबाग में 84.3 डेसिबल रिकॉर्ड हुआ। आलमबाग दूसरे नंबर पर रहा, जहां 81.8 डेसिबल और अमीनाबाद तीसरे नंबर पर रहा, जहां 79.3 डेसिबल शोर रिकॉर्ड हुआ। चौक अन्य स्थानों के मुकाबले सबसे कम शोर वाला स्थान रहा, जहां ध्वनि प्रदूषण 71.6 डेसिबल दर्ज किया गया।