लखनऊ (ब्यूरो)। अब हार्ट अटैक के मरीजों को पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और 50 बेड अस्पताल में ही डायग्नोसिस के साथ प्राथमिक इलाज की सुविधा भी मिल सकेगी। ताकि हार्ट अटैक के गोल्डन पीरियड के दौरान मरीज को तत्काल राहत पहुंचाई जा सके। साथ ही बड़े संस्थानों पर मरीजों का लोड कम किया जा सके। यह पूरी कवायद आईसीएमआर के प्रोजेक्ट के तहत शुरू होगी। जिसके तहत केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी के एक्सपर्ट ऑनलाइन परामर्श देंगे, ताकि मरीज को तत्काल चिकित्सीय राहत पहुंचाई जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, अभी इसका ट्रायल चल रहा है। इसके सफल होने पर इसे पूरी तरह चलाया जाएगा।

हार्ट अटैक के मरीजों को मिलेगी राहत

जनपद लखनऊ में 19 सीएचसी हैं। जिसमें 8 अर्बन-सीएचसी और 11 रूरल-सीएचसी शामिल हैं। यहां पर बड़ी संख्या में मरीज दिखाने आते हैं, जिनमें हार्ट अटैक के मरीज भी होते हैं। चूंकि यहां पर कार्डियोलॉजिस्ट और फिजीशियन नहीं होते हैं, ऐसे में मरीजों को लारी कार्डियोलॉजी रेफर कर दिया जाता है। जहां पर पहले ही मरीजों का लोड रहता है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता है, जबकि हार्ट अटैक के मरीजों को लिए एक-एक पल बेहद महत्वपूर्ण होता है।

मरीज की रिपोर्ट भेजी जाएगी

डिप्टी सीएमओ डॉ। केडी मिश्रा ने बताया कि एक एसटीएमआई प्रोजेक्ट आया है। यह प्रोजेक्ट जनपद के सीएचसी और 50 बेड अस्पताल के लिए है। जिसके तहत हार्ट अटैक वाले मरीजों का ईसीजी किया जाएगा। ईसीजी की रिपोर्ट को लारी कार्डियोलॉजिस्ट को भेजा जाएगा। जिसके बाद मरीज को क्या इंजेक्शन दिया जाएगा, क्या चिकित्सा दी जानी चाहिए आदि के बारे में परामर्श दिया जाएगा। अगर गोल्डन पीरियड में एंबोलिटिक दवा दे दी जाये तो उससे मरीज को बचाया जा सकते है। इसी तरह ऑनलाइन कंसल्टेशन के तहत मरीज की ईजीसी, बीपी व शुगर आदि की जांच कर भेज दिया जाएगा। मरीज को तुरंत इलाज मिल जाएगा और उसकी मौत होने की आशंका कम हो जाएगी। फिलहाल इस प्रोजेक्ट का ट्रायल चल रहा है, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया को किया जाएगा।