- गोमा तट पर श्रद्धालुओं में दिखा गजब का उत्साह

LUCKNOW: राजधानी में शनिवार की सुबह उदयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही आस्था के प्रतीक छठ पर्व का समापन हो गया। कोरोना संकट के बावजूद गोमा तट पर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला। व्रति महिलाओं द्वारा 36 घंटों के कठिन निर्जला व्रत का पारण किया गया। वहीं, लक्ष्मण मेला मैदान, झूलेलाल मैदान, पक्का पुल आदि घाटों में व्रति महिलाओं ने पूजा की और छठ माई से संतान व पति की लंबी उम्र की कामना की।

गोमा तट पर दिखा भव्य नजारा

सूर्योदय के पहले गोमती तट का नजारा देखते ही बन रहा था। सुबह मौसम ठंडा था, फिर भी तड़के ही लोगों का सपरिवार घाटों पर आना शुरू हो गया था। श्रद्धालु अपने सिर पर सेब, अनार, गन्ना, सिंघाड़ा, अदरक, मूली सहित कई मौसमी फलों व सब्जियों संग पूजा का सामान साथ लेकर आए। व्रती महिलाओं ने अपनी-अपनी सुशोभिता की पूजा की। इस दौरान छठ गीतों को भी सामूहिक रूप से गाया गया और कई महिलाओं ने जमकर डांस भी किया।

उगते सूर्य को दिया अ‌र्घ्य

श्रद्धा व विश्वास से लबरेज व्रति महिलाए पूजन के दौरान गोमा नदी में कमर तक पानी में खड़ी होकर हाथों में सूप लिये थीं। जिसमें फल-सब्जी के साथ दीपक रखा था। उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने और पूजा के बाद सभी ने प्रसाद में ठेकुआ खाया और अपने परिजनों में भी वितरित किया। इसके बाद व्रतियों ने व्रत का पारण किया और छठी से प्रार्थना की कि सबका मंगल हो और जल्द कोरोना काल खत्म हो।

पुलिस भी रही मुस्तैद

छठ पर्व के अंतिम दिन सुरक्षा-व्यवस्था को देखने के लिए पुलिस कमिश्नर सुबह घाटों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पूजा के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं, पूजन व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर निर्देश दिये। वहीं पुलिस द्वारा मास्क न लगाने वालों को भी टोकते हुए मास्क लगाने की अपील की गई। इस दौरान एसडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद रही।

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लोग भूले सोशल डिस्टेंसिंग

घाट पर पूजन के दौरान कई लोग कोविड प्रोटोकॉल भूल गए। कई श्रद्धालु बिना मास्क लगाए ही पूजा करने आए। वहीं अ‌र्घ्य देने के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। लोग समूह में आकर अ‌र्घ्य देते रहे।