लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल की बिगड़ी लाइफस्टाइल का असर बड़ों के अलावा छोटे बच्चों में भी अब दिखाई देने लगा है। 10-11 वर्ष के बच्चों में भी कमर और पीठ दर्द की शिकायतें सामने आ रही हैं। फोलिक एसिड की कमी से नवजात स्पाइना आईफिडा जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक महिलाओं को इस के प्रति जागरूक होना चाहिए और बच्चों को घर के बाहर खेलने जरूर भेजें।

बच्चों में बढ़ रही समस्या

लोहिया संस्थान के न्यूरो सर्जरी के एचओडी डॉ। दीपक ने बताया बच्चों में पीठ और कमर दर्द की समस्या आम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण स्क्रीन टाइम अधिक होना, फिजिकल एक्टिविटी कम होना, बैग को बोझ ज्यादा होना आदि है। स्कूलों में पीटी या योगा की क्लास कम हो गई हैं। धूप में बाहर न निकलने के कारण बच्चों में विटामिन डी की कमी हो रही है और वे स्पाइन की समस्या का शिकार हो रहे हैं।

फोलिक एसिड बेहद जरूरी

डॉ। दीपक सिंह के अनुसार नवजात में स्पाइना बाइफिडा की समस्या देखने को मिल रही है। हर एक हजार नवजात बच्चों में पांच बच्चे इसका शिकार मिल रहे हैं। इसके कारण बच्चों के नीचे का हिस्सा आम बच्चों की तरह काम नहीं करता है और उनमें यूरीन की भी समस्या दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि यह समस्या पढ़ी लिखी महिलाओं में भी देखने को मिल रही है। प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए पहले वे कार्ड टेस्ट करती हैं। इसके बाद डॉक्टर को दिखाकर ईसीजी करवाती हैं। इस दौरान करीब डेढ़ माह का समय निकल जाता है और उसके बाद वे फोलिक एसिड लेती है। जबकि, इस दौरान स्पाइन का निर्माण हो रहा होता है। इसलिए फोलिक एसिड गर्भ धारण से पहले ही लेना शुरू कर दें। फोलिक एसिड हरी सब्जियों जैसे पालक व ब्रोकली आदि में सबसे ज्यादा मिलता है।