लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम की ओर से नाला सफाई का काम एक बार फिर से शुरू करा दिया गया है और मानसून के आने से पहले सभी नालों की सफाई का दावा किया जा रहा है लेकिन एक हकीकत यह है कि कई इलाके ऐसे हैैं, जहां अभी तक नाला सफाई की शुरुआत नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से बारिश होने पर इससे कनेक्टेड एरियाज में जलभराव होने का खतरा मंडरा रहा है। नगर निगम प्रशासन को तत्काल इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है, अन्यथा फिर से हालात बेकाबू हो सकते हैैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कई स्थानों पर जाकर नालों की स्थिति का रियलिटी चेक किया। इस दौरान जो तस्वीर सामने आई, वह बेहद चिंताजनक है

स्थान-चौक

नाला-पुल गुलाम हुसैन का नाला

स्थिति-कूड़े से पटा हुआ है नाला

स्थान-नंदपुरम, फैजुल्लागंज सेकंड

नाला-नंदपुरम नाला

स्थिति-नाले का स्वरूप समाप्त, पूरी तरह से कूड़े से पटा

स्थान-हुसैनाबाद

नाला-दौलतगंज रोड नाला

स्थिति-50 प्रतिशत से अधिक नाला कूड़े से पटा

स्थान-मुंशी पुलिया

नाला-मुंशी पुलिया सर्विस लेन नाला

स्थिति-लंबे समय से नाले की सफाई नहीं हुई

हालात बेहद खराब

यह तो महज कुछ उदाहरण हैैं, हकीकत यह है कि राजधानी के कई इलाकों में अभी कई ऐसे छोटे और मध्यम नाले हैैं, जिनकी सफाई शुरू नहीं हो सकी है। इसकी वजह से बारिश होने पर यहां के निवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय लोगों की ओर से कई बार नाला सफाई की मांग की गई है लेकिन अभी तक हालात जस के तस बने हुए हैैं।

नालों में कूड़ा ही कूड़ा

रियलिटी चेक में जिन नालों की तस्वीर सामने आई है, उससे साफ है कि नालों में प्लास्टिक वेस्ट की मात्रा अधिक है। नंदपुरम, दौलतगंज और चौक नाले की स्थिति को देखकर ही कहा जा सकता है कि नालों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। ऐसे में बारिश होने पर नाला ओवरफ्लो होने की समस्या सामने आएगी ही। एक सवाल यह भी है कि नालों में इतना कूड़ा आया कहां से। नगर निगम प्रशासन को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए।

वैकल्पिक व्यवस्था नहीं

जिन इलाकों में जलभराव की समस्या अधिक सामने आती है, वहां पर जलभराव से निपटने के लिए अभी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। मूसलाधार बारिश होने पर एक बार फिर से यहां पर पंप लगाकर जलनिकासी की व्यवस्था करनी होगी। हर तरफ जलभराव का संकट होने से लोगों को फिर से घरों में कैद होना होगा।

अब समय कम बचा है

मानसून आने में अब बहुत कम समय बचा है। ऐसे में शत प्रतिशत नालों की सफाई आसान नहीं है। अगर नगर निगम सभी नालों की सफाई करा देता है तो राजधानी की जनता को इस बारिश में जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और अगर ऐसा नहीं होता है तो बीते सालों जैसा जलभराव फिर देखने को मिल सकता है।

बड़े नालों की सफाई

चौक एरिया की बात की जाए तो यहां पर नगर निगम की ओर से बड़े नालों की सफाई तो शुरू करा दी गई है लेकिन अभी छोटे नालों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पिछले साल भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी। उस दौरान चौक वार्ड पार्षद ने नाला सफाई को लेकर सवाल उठाए थे। इस बार भी नगर निगम को नाला सफाई के दौरान इस बात का ध्यान रखना होगा कि सिर्फ ऊपरी सतह न साफ हो बल्कि तलहटी तक सफाई की जाए ताकि नाला ओवरफ्लो न हो।

बोले लोग

नाला सफाई का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि बारिश होने पर लोगों को जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े।

अजय गुप्ता

नगर निगम को चाहिए कि नाला सफाई की मॉनीटरिंग भी करें ताकि नाला सफाई कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता न बरती जा सके।

सुधाकर मिश्रा

मुुंशी पुलिया नाला की सफाई बेहद जरूरी है। बारिश होने पर नाला ओवरफ्लो होता है। इसकी वजह से सर्विस लेन पर पानी भर जाता है और हादसा होने का खतरा बना रहता है।

राजेश सोनी

सोशल मीडिया पर आए कमेंट्स

नाला सफाई का काम गंभीरता से कराया जाना चाहिए। अगर नाला साफ नहीं होगा तो बारिश होने पर जलभराव होगा ही।

राकेश, इंदिरानगर

नाला सफाई के काम की मॉनीटरिंग होनी चाहिए। नाला साफ हो रहा है कि नहीं इस पर पैनी निगाह जरूरी है।

सविता, आलमबाग

बड़े नालों के साथ-साथ गली मोहल्लों की नालियों की सफाई पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। गली मोहल्लों में भी जलभराव की समस्या सामने आती है।

आदर्श, सरोजनीनगर

पब्लिक को भी जागरूक होना होगा कि नाले-नालियों में वेस्ट न फेंके। नालों में वेस्ट फेंके जाने की वजह से भी स्थिति चिंताजनक होती है।

अंकुर, आशियाना