- चार जनवरी 2020 से शुरू होने जा रही है स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा
- माइनस मार्किग से लग सकता है झटका, पिछली बार भी हुआ था खासा नुकसान
LUCKNOW: एक बार फिर से स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की परीक्षा शुरू होने जा रही है। चार जनवरी से शुरू होने वाली इस परीक्षा में इस बार कुल 6 हजार अंकों की मार्किग होगी जबकि पिछली बार कुल 5 हजार अंकों की मार्किग थी। साफ है कि इस बार एक हजार अंक बढ़ाए गए हैं। वहीं पिछले सर्वेक्षण की तरह इस बार भी माइनस मार्किग रखी गई है। अगर कहीं कोई खामी मिलती है तो नगर निगम लखनऊ को अंकों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। पिछले सर्वेक्षण में भी माइनस मार्किग का खासा असर देखने को मिला था।
यह है स्कोर शीट
1500 अंक सिटीजन फीडबैक के
1500 अंक डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन
1500 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस
1500 अंक ओडीएफ व सर्टिफिकेशन के
रैंक के आधार पर 200 अंक
परीक्षा में तीन क्वार्टर के आधार पर 200 अंक भी रखे गए हैं। वहीं सिर्फ ओडीएफ के 500 अंक हैं।
400 में से 200 अंक
हाल में ही सर्वेक्षण 2020 में यूजर रजिस्ट्रेशन समेत कई बिंदुओं को लेकर स्कोरशीट जारी की गई है। अभी तक लखनऊ को 400 में से 202.05 अंक मिले हैं जबकि इंदौर के 224.28 अंक हैं।
ये है कैटेगरी
100 प्रतिशत अंक मिले यूजर रजिस्ट्रेशन में
1.1 प्रतिशत अंक मिले यूजर इंगेजमेंट में
21.18 प्रतिशत अंक मिले यूजर हैप्पीनेस में
79.77 प्रतिशत अंक मिले एजेंसी रिस्पांसिवनेस में
परीक्षा एक नजर में
4300 से अधिक शहर परीक्षा में होंगे शामिल
28 दिन तक कई पैरामीटर्स पर चलेगी परीक्षा
50 लाख से अधिक फोटो टीमें फील्ड से करेंगी कैपचर
4 करोड़ से अधिक पब्लिक फीडबैक शामिल किए जाएंगे
निगम की अग्निपरीक्षा
नगर निगम के सामने यह परीक्षा अग्निपरीक्षा की तरह है। इसकी वजह यह है कि अभी तक शहर में कई सुविधाओं की कमी है। जिससे साफ है कि निगम लखनऊ को इस सर्वेक्षण में भी अंकों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ये हैं कमियां
1-शत प्रतिशत घरों से कूड़ा कलेक्शन नहीं
2-कूड़ा परिवहन की प्रॉपर व्यवस्था नहीं
3-कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं
4-पब्लिक को सर्वेक्षण की जानकारी नहीं
5-डस्टबिन को लेकर प्रॉपर अरेंजमेंट नहीं
6-वार्डो में सफाई व्यवस्था पर सवाल
उम्मीदें कायम
भले ही कमियां हैं, लेकिन निगम प्रशासन की ओर से उक्त कमियों को दूर करने के लिए कई चरणों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। फिलहाल अभी आठ दिन बाकी हैं, ऐसे में निगम प्रशासन का दावा है कि सारी कमियों को काफी हद तक दूर कर लिया जाएगा।