लखनऊ (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट शहर के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद फुटओवर ब्रिजों की असलियत जिम्मेदारों के सामने आने की मुहीम चला रहा है। जनता की सहूलियत के लिए बनाए गए ज्यादातर फुटओवर ब्रिज जर्जर हालत में हैं। जियामऊ ब्रिज की हालत तो खराब हो ही रही है, साथ ही पॉलिटेक्निक ब्रिज का भी हाल बेहाल हो गया है। रात में तो छोडिय़े, दिन में भी नशेबाजों ने इसे अपना अड्डा बना लिया है। जिसके चलते लोग इसका ब्रिज का इस्तेमाल करने से कतराने लगे हैं। शुक्रवार को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने पॉलिटेक्निक चौराहे पर स्थित फुटओवर ब्रिज का हाल जाना, तो ब्रिज के नीचे पुलिस आग सेंकने में मस्त दिखी, तो नशेबाज ब्रिज पर ही नशा करने में मस्त दिखे।

पब्लिक का गुजरना हुआ दुश्वार

पॉलीटेक्निक फुटओवर ब्रिज पर चढऩे के लिए कुल पांच रास्ते हैं, हैरानी की बात है कि इनमें से ऐसा एक भी रास्ता नहीं है, जहां से ब्रिज पर आसानी से चढ़ा और उतरा जा सके। यहां हर तरफ गंदगी की भरमार है। इस ब्रिज को लोगों ने टॉयलेट करने के लिए यूज करना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से पूरे ब्रिज पर बदबू फैली रहती है। स्थानीय निवासी सुरेंद्र पाल ने बताया कि पहले यहां पर सफाई होती थी, लेकिन पिछले करीब एक साल से इसे देखने वाला कोई नहीं है। कई नशेडिय़ों ने ब्रिज पर ही अपना अड्डा बना लिया है। जिसकी वजह से इस ब्रिज से पब्लिक का गुजरना दुश्वार हो जाता है। महिलाओं को तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

लिफ्ट से लेकर लाइटें तक गायब

इस ब्रिज पर तीन जगहों पर सीढिय़ां, दो रैंप के अलावा कुल तीन जगहों पर लिफ्ट लगी है, लेकिन इनकी कंडीशन देखकर लगता है कि मानों ये वर्षों से धूल फांक रहे हों। यहां पर एक भी लिफ्ट काम नहीं करती है। इसके दरवाजे तक में जंग लग चुकी है। रास्ते में बड़ी-बड़ी झाडिय़ां भी उग आई हैं। इस ब्रिज पर पहले रात में लाइटें जला करती थीं, जिनमें से अब अधिकतर चोरी हो चुकी हैं। यहां से गुजर रहे राहगीर सुमित कुमार ने बताया कि रोड पर ट्रैफिक होने की वजह से इस पुल से अक्सर आते-जाते रहते हैं। पहले यहां से हजारों लोगों का गुजरना होता था, लेकिन अब नाम मात्र के ही लोग ब्रिज का यूज करते हैं। इसकी वजह है यहां पर गंदगी और नशेबाजों का अड्डा होना।

जंग खा चुके हैं पोल

देखरेख के अभाव में ब्रिज जानलेवा हो गया है। सीढिय़ों के पास रेलिंग तो हैं, लेकिन अधिकतर जगहों से इसे जंग ने जकड़ लिया है। इसके अलावा पोल का भी यही हाल है, जिससे गिरने का खतरा बना रहता है। लोग इसका इस्तेमाल करने से डरते हैं। वहीं, स्थानीय निवासी देवराज ने बताया कि रात के समय यहां पर अराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। पुलिस ने कई बार रात में पेट्रोलिंग कर अराजकता फैलाने वालों को पकड़ा भी है। बावजूद इसके यहां पर ऐसे लोग इकट्ठा रहते हैं। वर्तमान में सिर्फ गिने चुने ही लोग इस ब्रिज का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पब्लिक ओपिनियन

-ब्रिज को लोगों ने बाथरूम और नशेबाजी का अड्डा बनाया हुआ है। पुलिस इनको कई बार यहां से भगा चुकी है, लेकिन ये लोग नहीं मानते हैं। पहले यहां पर रूटीन सफाई होती थी, लेकिन एक साल से यह ऐसे ही पड़ा है।

राजदेव

-एक समय पर यह ब्रिज बहुत खूबसूरत लगता था। पर जैसे-जैसे दिन बीते, इसकी हालत खराब होती गई। ब्रिज जगह-जगह से जर्जर कंडीशन में है। संबंधित अधिकारियों को चाहिए कि इसकी मरम्मत करवाएं, ताकि इसकी स्थिति में सुधार हो सके।

शेखर कुमार

जियामऊ ब्रिज की भी दुर्दशा

फाइव केडी चौराहे से 1090 चौराहे की तरफ जाने वाले लोहिया पथ के बीच में फुटओवर ब्रिज बनाया गया है। इस ब्रिज का रोजाना सैकड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं। इनमें ज्यादातर लोगों का जियामऊ आना-जाना होता है, लेकिन इस ब्रिज का भी हाल बहुत अच्छा नहीं है। यहां पूरे ब्रिज पर गंदगी की भरमार है, देखकर लगता है कि शायद ही यहां कभी साफ-सफाई होती हो। ब्रिज पर आवारा जानवरों ने भी डेरा जमा लिया है। कई पोल जंग खा चुके हैं। यहां से गुजर रहे नितिन कश्यप ने बताया कि वह जियामऊ में रहते हैं और रोजाना इसी ब्रिज का इस्तेमाल करते हैं। पुल जर्जर होने की कगार पर है। गाडिय़ां गुजरते ही ब्रिज हिलने लगता है, जिससे यहां से जाने पर काफी डर लगता है।