लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां लोगों की ओर से धड़ल्ले से अवैध निर्माण कराए जा रहे हैैं, वहीं दूसरी तरफ कई निर्माणकर्ताओं की ओर से सेटबैक में भी खेल किया जा रहा है। आलम यह है कि सेटबैक के नाम पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है। जिसके बाद एलडीए की ओर से अब इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है। वहीं, ऐसे भी निर्माण सामने आए हैैं, जिन पर कंपाउंडिंग शुल्क के अतिरिक्त निर्माण कराया गया है और अभी तक निर्माणकर्ताओं की ओर से स्वत: अतिरिक्त निर्माण को नहीं तोड़ा गया है। पेश है अभिषेक मिश्रा की खास रिपोर्ट

यह होता है सेटबैक का मतलब

सेटबैक की बात की जाए तो सभी इमारतों में इतना स्पेस दिया जाता है कि प्राकृतिक रोशनी आ सके। इसके साथ ही इमारत में वेंटीलेशन की भी प्रॉपर व्यवस्था रहे। इसके साथ ही सेटबैक में यह भी देखा जाता है कि बिल्डिंग में आसान पहुंच के ऑप्शन मौजूद हों। वर्तमान स्थिति यह है कि सेटबैक के इसी नियम में जमकर खेल किया जा रहा है। जो मामले सामने आए हैैं, उसमें साफ है कि उनमें सेटबैक के नियमों की अनदेखी की जा रही है।

15 प्रतिशत तक अधिक निर्माण

सेटबैक के अंतर्गत 10 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण का प्राविधान है। इसके लिए निर्माणकर्ता को कंपाउंडिंग शुल्क जमा करना होता है। अभी जो मामले सामने आए हैैं, उसमें साफ है कि निर्माणकर्ताओं की ओर से 10 के स्थान पर 15 से 20 प्रतिशत तक अधिक निर्माण करा लिया गया है और उनकी ओर से कंपाउंडिंग शुल्क भी नहीं दिया गया है। अब एलडीए की ओर से सेटबैक में खेल करने वाले निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है। पहले चरण में एक दर्जन निर्माणों को नोटिस जारी किया गया है।

आखिर खुद क्यों नहीं तोड़ा

एलडीए की ओर से उन निर्माणकर्ताओं को भी नोटिस दी गई है, जिन्होंने अतिरिक्त निर्माण को स्वत: तोडऩे की बात कही थी, लेकिन निर्धारित मियाद गुजरने के बाद भी अभी तक उनकी ओर से ध्वस्तीकरण संबंधी कोई कदम नहीं उठाया गया है। अब एलडीए की ओर से अतिरिक्त निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा। एलडीए प्रशासन की ओर से अवैध निर्माणों को लेकर अब रोज रिपोर्ट भी बनाई जा रही है और इसके लिए योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, ताकि अवैध निर्माणों पर कार्रवाई तेज की जा सके।

अभी तक रिपोर्ट नहीं आई

वहीं दूसरी तरफ, अलाया अपार्टमेंट मामले में अभी तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। पीडब्ल्यूडी की लैब में सैैंपल भेजे गए हैैं। उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि अलाया अपार्टमेंट के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री गुणवत्ता परक थी या नहीं।