- कोविड को देखते हुए तैयारियां हुई तेज

- करीब 50 करोड़ का पूरा बजट

- डायबिटीज के मरीजों को मिलेगी सभी सुविधा एक ही जगह

LUCKNOW: एसजीपीजीआई में एडवांस डायबिटीज सेंटर की स्थापना होनी है, जहां मरीजों में अनकंट्रोल्ड शुगर के साथ उससे होने वाले साइड इफेक्ट्स को लेकर सभी इलाज एक ही जगह पर मिलेंगे। कोरोना वायरस का असर डायबिटीज के मरीजों में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। ऐसे में संस्थान द्वारा सेंटर के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। निदेशक के मुताबिक एक माह के अंदर सेंटर का निर्माण शुरू हो जायेगा और करीब डेढ़ साल में इसको पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

दो फ्लोर में 100 बेडों की व्यवस्था

पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के तहत डायबिटीज सेंटर का निर्माण होना है। जहां हाईटेक संसाधनों के माध्यम से इस समस्या से जूझ रहे मरीजों का इलाज किया जायेगा। निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि पूरा प्रोजेक्ट करीब 49 करोड़ का है। इसके निर्माण के लिए शासन स्तर से करीब 8-10 करोड़ की पहली धनराशि जारी हो चुकी है। ऐसे में अगले एक माह के भीतर इसके निर्माण का काम शुरू कर दिया जायेगा। पूरा सेंटर करीब दो फ्लोर का बनाया जायेगा, जिसमें करीब 100 बेडों की व्यवस्था रहेगी। जिसे भविष्य में बढ़ाया भी जा सकता है। सेंटर को करीब डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि जल्द से जल्द मरीजों को बेहतर मेडिकल सुविधाएं दी जा सकें क्योंकि कोरोना भी चल रहा है ऐसे में सेंटर की जल्द शुरुआत पर जोर दिया जा रहा है।

एक छत के नीचे सुविधाएं

प्रो। धीमन के मुताबिक हाइपरटेंशन की वजह से डायबिटीज की समस्या होने लगती है। डायबिटीज होने से किडनी और हार्ट के फेल होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में इस सेंटर के माध्यम से मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा। सेंटर में मरीजों को डायबिटीज की वजह से आंखों, पैर, किडनी व हार्ट आदि में होने वाली अलग-अलग समस्याओं का इलाज एक ही छत के नीचे मिल सकेगा। उनको इलाज के लिए दूसरी जगह नहीं जाना पड़ेगा।

कोट

एडवांस डायबिटीक सेंटर का निर्माण अगले एक माह में शुरू हो जायेगा। जहां मरीजों को डायबिटीज की वजह से आंख, पैर व किडनी आदि की समस्या का इलाज एक ही जगह पर मिलेगा।

- प्रो। आरके धीमन, निदेशक केजीएमयू