लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड में लोगों को हार्ट, लंग्स समेत अन्य अंगों में दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में, यदि किसी को कोरोना के बाद चलने-फिरने में दिक्कत या फिर हिप व कमर में दर्द हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह हिप की शुरुआती गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, समय पर इलाज से इसको सही किया जा सकता है। देरी करने से हिप ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ सकती है।

चार-पांच गुना बढ़े मामले

डॉ। संतोष सिंह, सेक्रेट्री यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन ने बताया कि कोरोना की वजह से क्लाटिंग की समस्या देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से 45-60 वर्ष की उम्र के लोगों में हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा देखी जा रही है। इसके अलावा, क्लाटिंग की वजह से बोन में भी समस्या देखने को मिल रही है, क्योंकि क्लाटिंग बोन में जाकर होने की वजह से ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होने से वैस्कुलेरिटी खत्म हो रही है। चूंकि ब्लड जा ही नहीं पाता है, जिससे वह एरिया डेड हो जाता है। लोगों में धीरे-धीरे ऐसे बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसकी वजह से हिप पेन और बैक पेन बना रहता है। अगर समस्या लंबे समय तक बनी रही तो हिप ट्रांसप्लांट की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हिप पेन की समस्या में पहले के मुकाबले चार से पांच गुना अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं।

एमआरआई कराना है जरूरी

डॉ। संतोष आगे बताते हैं कि इस समस्या के ट्रीटमेंट के लिए अर्ली डायग्नोसिस बेहद जरूरी है। इसके लिए शुरुआती दौर में ही एमआरआई कराने की सलाह दी जाती है, क्योंकि मर्ज के 40 फीसदी बढऩे के बाद ही एक्स-रे में दिखाई देता है। ऐसे में, मरीज को एमआरआई कराने की सलाह दी जाती है ताकि जल्द से जल्द ट्रीटमेंट शुरू किया जा सके।

हर हफ्ते आ रहे दो-तीन मरीज

वहीं, आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के संस्थापक डॉ। संदीप कपूर ने बताया कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कई तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। खासतौर पर कोरोना संक्रमण की वजह से जो मरीज आईसीयू में भर्ती हुये या फिर ऐसे मरीज जो कोरोना काल के दौरान स्टेरायड पर रहे, उनमें हिप ज्वाइंट संबंधी परेशानी ज्यादा देखने को मिल रही है। स्टेरॉयड की वजह से हिप बॉल में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इससे बॉल सूखने लगती है। उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। शुरुआत में मरीज को हल्का दर्द होता है। बाद में समस्या गंभीर रूप ले लेती है। इसकी वजह से आर्थराइटिस की समस्या होने लगती है, जिससे कूल्हे भी प्रभावित होते हैं। इस तरह के हर हफ्ते दो से तीन मरीज देखे जा रहे हैं। कई मरीजों में हिप ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ रही है।

कुछ ऐसे होते हैं लक्षण

- चलने-फिरने में दिक्कत

- हिप पेन

- कमर में दर्द

- जोड़ों के मूवमेंट में दिक्कत

कोरोना के बाद लोगों के हिप ज्वाइंट में दिक्कत देखने को मिल रही है। इस तरह के मामले चार-पांच गुना बढ़े हैं। चलने-फिरने या ज्वाइंट में दिक्कत हो तो सर्तक रहें।

-डॉ। संतोष सिंह, सेक्रेट्री यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन