-गाजीपुर घटना के बाद ड्राइवर्स के वेरीफिकेशन को लेकर पुलिस बना रही रणनीति

-बच्चियों के संग बढ़ रहे अपराधों को देख समाजशास्त्री भी हैरान

LUCKNOW: गाजीपुर एरिया में स्थित प्लेग्रुप स्कूल में जाने वाली ढाई साल की बच्ची के संग वहशियाना हरकत की खबर ने शहर के पेरेंट्स को परेशान कर दिया है। शुक्र है कि बच्ची ने अपने माता-पिता को किसी तरह अपनी आपबीती बता दी और दरिंदा वैन ड्राइवर सलाखों के पीछे पहुंच गया लेकिन, इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि हमारी बच्चियां स्कूल जाते समय कितनी सुरक्षित हैं या फिर यूं कहें कि उनकी सुरक्षा वास्तव में भगवान भरोसे ही है। मासूम बच्चियों के संग बढ़ रहे इन अपराधों ने समाजशास्त्रियों को भी हैरान कर दिया है।

कहीं टूट न जाए विश्वास की डोर

लखनऊ यूनिवर्सिटी में समाज शास्त्र विभाग की पूर्व एचओडी डॉ। अर्चना शुक्ला कहती हैं कि, पहले हमारे परिवार तो छोडि़ये आसपड़ोस के लोग या फिर मिलने-जुलने वाले लोग भी बच्चों को जब प्यार करते थे तो लगता था कि कोई परिवार का सदस्य उन्हें दुलार रहा है। पर, हाल के दिनों में यह स्थिति पूरी तरह बदल गई है। बीते दिनों सामने आई तमाम घटनाएं समाज में आ रही विकृति की ओर इशारा करती हैं। कहीं पिता ही बेटी पर दरिंदगी करता सुनाई पड़ता है तो कहीं भाई ही बहन के संग वहशियाना हरकत में लिप्त पाया गया। ऐसी सूरत में छोटे बच्चों के माता-पिता समझ नहीं पा रहे कि वे विश्वास करें भी तो किस पर। यही वजह है कि समाज में खतरा पैदा हो गया है कि कहीं अब तक प्रगाढ़ रही विश्वास की डोर टूट न जाए और हर शख्स दूसरे को शक की नजर से देखने लगे।

अब पुलिस बनाएगी रणनीति

एक साल पहले परिवहन विभाग की ओर से राजधानी में चलने वाले टेम्पो, ऑटो और वैन्स के ड्राइवर्स का वेरीफिकेशन करवाने को अनिवार्य कर दिया था। जिसके बाद शहर में ब्000 से ज्यादा ड्राइवर्स ने अपना वेरीफिकेशन करवाया भी। पर, इसके बाद परिवहन विभाग ने वेरीफिकेशन को लेकर ढिलाई बरतनी शुरू कर दी और यह योजना आगे न बढ़ सकी। हालांकि, जब इस बारे में एसएसपी यशस्वी यादव से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि गाजीपुर की घटना के सामने आने के बाद अब पुलिस अपने स्तर से रणनीति बनाएगी और ड्राइवर्स के वेरीफिकेशन को लेकर अभियान चलाया जाएगा।

बच्चियों संग वहशीपन दिमागी विकृति

केजीएमयू के चीफ सुपरीटेंडेंट व मानसिक रोग विभाग के पूर्व एचओडी प्रो। एससी तिवारी कहते हैं कि बच्चियों संग वहशीपन की हरकत दिमागी विकृति का परिणाम है। इसे परवर्ट का भी नाम दिया जाता है। ऐसी विकृति वाले शख्स खुद को असुरक्षित समझते हैं और उन्हें शक होता है कि अगर वे किसी युवती या महिला से संबंध बनाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा। ऐसे मे उन्हें मासूम बच्चियां आसान शिकार समझ में आती हैं। ऐसे विकृति वाले शख्स का फौरन मानसिक रोग चिकित्सक से चेकअप कराकर इलाज कराना चाहिये।

जल्द ही स्कूल वैन्स ड्राइवर्स के वेरीफिकेशन के लिये लखनऊ पुलिस अभियान चलाएगी। हमारी कोशिश होगी कि इस अभियान में शहर के हर स्कूल वैन के ड्राइवर का वेरीफिकेशन सुनिश्चित किया जाए।

यशस्वी यादव

एसएसपी, लखनऊ

गाजीपुर की घटना ने हम सभी को परेशान कर दिया है। अब तो हम अपनी बेटी को स्कूल वैन के बजाय खुद ही स्कूल छोड़ने और लाने के लिये सोचने लगे हैं।

रंजना

स्कूल वैन के ड्राइवर की शर्मनाक हरकत ने हम सभी को दहशत में ला दिया है। अब तो समझ में ही नही आता कि किस पर विश्वास किया जाए?

ऋचा

पुलिस को ऐसी हरकत पर कड़ा एक्शन लेना चाहिये ताकि वहशी मेंटेलिटी के लोगों के दिल में डर व्याप्त हो और कोई भी बच्ची ऐसे लोगों का शिकार न बन सके।

तृप्ति