लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में जेठ माह का पहला बड़ा मंगल बेहद श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया गया। जहां एक ओर हनुमान मंदिरों में भव्य श्रृंगार और महाआरती का आयोजन किया गया। वहीं, तड़के से ही मंदिरों में हनुमान भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर परिसर जय हनुमान और जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठे। राजधानी में इस अवसर पर जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया। साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनात भी रही।

मंदिरों में हुई महाआरती

राजधानी के विभिन्न हनुमान मंदिरों में आरती, पूजन और फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया, जिसके बाद मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। तेज धूप और गर्मी भी भक्तों की आस्था के आगे रुकावट नहीं बन सकी। भक्त तड़के ही दर्शनों के लिए पहुंचने लगे। इस दौरान मंदिरों में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड आदि पाठ का आयोजन किया गया। मंदिरों में दर्शन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। भक्तों ने दर्शन कर अपने परिवार की मंगलकामना की।

लगाया गया मेवे का भोग

बड़े मंगल के अवसर पर राजधानी के विभिन्न हनुमान मंदिरों में भगवान को विशेष भोग लगाया गया। हनुमान सेतु मंदिर में फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया और आरती के बाद सोमवार रात 12 बजे से लेकर मंगलवार रात 12 बजे तक मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले रहे। इस दौरान हनुमानजी को लड्डुओं का भोग लगाया गया। वहीं, अलीगंज स्थित पुराना और नया हनुमान मंदिर में बजरंगबली का भव्य शृंगार किया गया। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में बजरंगबली को मेवे का भोग लगाकर आरती उतारी गई। इसके अलावा लेटे हुए हनुमानजी मंदिर में सुबह सिंदूर लेपन के साथ महाआरती का आयोजन किया गया। वहीं, इस्कान मंदिर द्वारा हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन के बाद रात को महाआरती की गई। साथ ही भंडारे का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा छांछी कुंआ स्थित हनुमान मंदिर को लाइटों से सजाया गया। दिन में विशेष श्रृंगार और भंडारा का आयोजन किया गया। साथ ही दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, कोतवालेश्वर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी भव्य श्रृंगार के साथ आरती और विशेष भोग लगाया गया, जिसे भक्तों में प्रसाद के तौर पर वितरित किया गया। देर रात तक भक्तों ने अपने आराध्य हनुमानजी के दर्शन किए।

भंडारे का हुआ आयोजन

बड़ा मंगल के अवसर पर राजधानी में जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया। मंदिरों के बाहर से लेकर ऑफिस और अन्य जगहों पर बजरंगबली के भक्तों द्वारा भंडारों का आयोजन किया। जहां पूड़ी-सब्जी, छोला-चावल, कढ़ी-चावल, बूंदी, शर्बत, पानी आदि भक्तों में प्रसाद के तौर पर वितरित हुए। इस दौरान प्रसाद लेने के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलीं।