लखनऊ (ब्यूरो)। नैनो टेक्नोलॉजी में धीरे-धीरे स्टूडेंट्स की रुचि घट रही है। इस बात का अंदाजा इस साल डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज (कैस) के पीजी आवेदनों से लगाया जा सकता है। मौजूदा समय में कैस में नैनो टेक्नोलॉजी की 18 सीटों में से 6 सीटें भरी हैं। जानकारों के मुताबिक, एमटेक इन नैनो टेक्नोलॉजी में गेट से दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स भी घटे हैं। महज 2 स्टूडेंट्स ने गेट के जरिए दाखिला लिया है। वहीं, बाकी की सीटें सीयूईटी पीजी की मेरिट के आधार पर भरी जा रही हैं। एकेटीयू के प्रति कुलपति प्रो। मनीष गौड़ का कहना है कि कैस में हमारे पास 90 सीट्स हैं, इनमें से हमें 160 आवेदन मिले हैं। गेट से दाखिले पूरे कर लिए गए हैं, सीयूईटी वाले दाखिले लिए जा रहे हैं।

सीएस इस साल भी डिमांड में

कैस में पांच ब्रांचेस में पढ़ाई कराई जाती है। इन पांचों ब्रांच में कंप्यूटर साइंस इस साल भी हिट है। प्रो। मनीष गौड़ कहते हैं कि जब से यह सेंटर खुला है, कंप्यूटर साइंस को लेकर स्टूडेंट्स का क्रेज बढ़ा ही है। इस साल भी 160 आवेदनों में से पचास फीसदी से अधिक आवेदन सीएस ब्रांच के लिए मिले। हालांकि, कई मार्जिनल कोर्स जैसे नैनो टेक्नोलॉजी का देश में स्कोप बहुत अधिक न देखते हुए स्टूडेंट््स की रुचि में कमी आई है। प्रो। गौड़ कहते हैं कि नैनो टेक्नोलॉजी में कोई ऑर्गनाइज्ड जॉब नहीं है। यह रिसर्च के लिए अच्छी फील्ड है, लेकिन हर स्टूडेंट रिसर्च सेक्टर में नहीं जाना चाहता। ऐसे में स्टूडेंट्स कम दिलचस्पी ले रहे हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि जल्द ही दाखिला प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

ये कोर्स पढ़ाए जाते हैं

कैस में एमटेक इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, मैकाट्रॉनिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग एंड ऑटोमेशन और एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे कोर्स ऑफर किए जा रहे हैं।