- हर महीने हो रहा है छह करोड़ का कारोबार

- राजधानी के विभिन्न इलाकों से हो रही है डग्गेमारी

- मुख्यालय से तीन से चार किमी की दूरी पर ही है डग्गामारी वाले स्टापेज

- रहमान खेड़ा में बस हादसे के बाद नहीं चेता परिवहन विभाग

<- हर महीने हो रहा है छह करोड़ का कारोबार

- राजधानी के विभिन्न इलाकों से हो रही है डग्गेमारी

- मुख्यालय से तीन से चार किमी की दूरी पर ही है डग्गामारी वाले स्टापेज

- रहमान खेड़ा में बस हादसे के बाद नहीं चेता परिवहन विभाग

LUCKNOW: lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: रहमान खेड़ा के पास भीषण एक्सीडेंट में डग्गामार बस में सफर कर रहे चार पैसेंजर्स की मौत हो गई जबकि तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। इस दर्दनाक घटना का परिवहन विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं है। कुछ दिन पहले शहर में चलने डग्गामार सिटी बस ने एक रोड इंतजार कर नहीं एक छात्रा को ठोकर मार दी और उसकी रीढ़ की हडडी टूट गई। शहर के अंदर और बाहर डग्गार बसें और जीपें खुले आम लोगों क जान के दुश्मन बन गए लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है। शहर के कई इलाकों में खुलेआम डग्गामारी की जा रही है लेकिन इन घटनाओं के बाद भी परिवहन विभाग ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया। रोजाना तमाम बसें और जीपें नियमों को ताक पर रख कर पैसेंजर्स ढो रही है। मोटी कमाई के इस खेल में सिर्फ डग्गामार बसों के मालिक ही नहीं बल्कि आरटीओ के अधिकारी भी लिप्त हैं। राजधानी में डग्गामार बसें और जीपें कहां से चल रही और इसका कारोबार कितना है, इस पर आई नेक्स्ट ने संडे को पड़ताल की

परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में निगम की बसों के संचालन के लिए मात्र दो बस अडडे बने हैं। इनमें एक चारबाग और दूसरा कैसरबाग है। पैसेंजर्स को बसें पकड़ने के लिए यहां तक आना पड़ता है। जबकि डग्गामार बसों ने राजधानी के आउटर्स पर ही अनाधिकृत रूप से अपने स्टापेज बना रखे हैं। चारबाग में केकेसी के पास, कानपुर रोड पर सीएनजी स्टेशन से थोड़ा आगे बढ़कर, कुर्सी रोड चौराहे के पास और मडि़याव रेलवे क्रासिंग के नीचे और फैजाबाद रोड पॉलीटेक्निक चौराहे से विभिन्न क्षेत्रों के लिए बसें आसानी से मिल जाती है। इनमें अधिकतर मिनी बसें ही शामिल हैं। इन बसों में पैसेंजर्स से टिकट नहीं लिया जाता है। बस में मौजूद कंडक्टर्स सिर्फ कैश ले लेता है और सफर करने की छूट मिल जाती है। इन बसो की कंडीशन बेहद जर्जर हो चुकी है। इनसे सफर करना दुर्घटना को न्यौता देने के बराबर है।

राजधानी में हर महीने छह करोड़ का कारोबार डग्गामारी बसों और जीपों की बदौलत हो रहा है। आउटर्स इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अकेले शनिदेव मंदिर से रोजाना क्भ् बसें गोरखुपर रूट के लिए, मडि़याव से सीतापुर के लिए क्भ् बसें चारबाग केकेसी से मोहनलाल गंज, बछरावां, रायबरेली के लिए ख्0 बसें, कुर्सी रोड चौराहे से ख्0 बसों का संचालन रोज किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारियों की माने तो इनमें जीपें नहीं शामिल हैं। इन इलाकों से ही रोजाना क्भ्0 से अधिक जीपों का संचालन भी किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारियों की माने तो डग्गेमारी बसों और जीपों से रोजाना औसतन प्रति दिन ख्0 लाख से अधिक का कारोबार होता है। हर महीने छह करोड़ से अधिक का कारोबार डग्गेमारी बसों के माध्यम से किया जा रहा है।

परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में जिन जगहों से डग्गामारी चल रही है, ये इलाके कैसरबाग स्थित परिवहन विभाग मुख्यालय से चार से आठ किमी की दूरी पर हैं। मुख्यालय में बैठने वाले अधिकारियों को भी सबकुछ पता है। लेकिन वे कभी भी इन डग्गमार बसों पर लगाम लगाने के लिए नहीं निकलते हैं।

डग्गामार बसों के लिए सिर्फ राजधानी में नहीं प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है। कई बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। लेकिन अब इनके लिए प्लान कर के छापे मारने की जरूरत है। जल्द ही बैठक कर इसकी तैयारी की जाएगी।

के रविन्द्र नायक

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर

विभागीय अधिकारियों पर आरोप लगाना गलत है। हम लोगों को जब भी सूचना मिलती है तो हमारी टीम तुरंत मौके पर पहुंच कर डग्गामारों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

सगीर अंसारी

आरटीओ

परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले शहर के विभिन्न इलाकों में डग्गामार बसों और जीपों के खिलाफ अभियान चलाया। इसमेंप पहले दिन ब्फ् बसें और जीपे पकड़ी गई। दूसरे दिन जब अभियान चला तो कुल भ्भ् गाडि़यां पकड़ी गई। निगम के अधिकारियों ने बताया कि अब हम लोग डग्गामारी बसें पकड़वाए या फिर रोडवेज की बसों का संचालन करे।

तीन दिन पहले प्रदेश के परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रदेश में डग्गामारी बसों के संचालन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी डग्गामार वाहन को चलने की छूट नहीं है तो भला ये रोड पर कैसे दौड़ रही है। इन डग्गामार गाडि़यों के लिए परिवहन मंत्री ने टीम बनाकर अभियान चलाने की बात कही।

एनईरेलवे स्टेशन के बाहर बनी पार्किंग में सिर्फ उन लोगों को खड़े होने की छूट है जो पैसेजंर्स को छोड़ने यो लेने आए हो। लेकिन यहां पर सुबह पुष्पक ट्रेन आने से पहले ठेका गाडि़यां खड़ी हो जाती है। इनमें बसें, जीपे और वैन शामिल है। रेलवे और आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों को भी इसकी बखूबी जानकारी है लेकिन आज तक इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया।

सिटी बस प्रबंधन ने इसी महीने आरटीओ ऑफिस को एक लिस्ट बनाकर दी है। इसमें शहर में डग्गेमारी करने वाली क्ख्भ् बसों का जिक्र किया गया है। लेकिन आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों ने आज तक कोई एक्शन नहीं लिया।