- ब्लैक फंगस के मरीज के तीमारदारों ने लगाया लापरवाही का आरोप

LUCKNOW

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में इलाज के दौरान ब्लैक फंगस के मरीज की मौत हो गई। नाराज परिवारजन ने इलाज में कोताही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। तीमारदारों ने डाक्टरों व कर्मचारियों से मारपीट की। वार्ड में तोड़-फोड़ की। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

लखीमपुर का था युवक

लखीमपुर खीरी निवासी 45 वर्षीय पुरुष को परिवारजन गंभीर अवस्था में लेकर केजीएमयू पहुंचे। परिवारजन ने बताया कि मरीज को कुछ रोज पहले कोरोना हुआ था। उसके बाद मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ गया। आनन-फानन उसे भर्ती किया गया। सर्जिकल वार्ड में मरीज का इलाज शुरू हुआ। घरवालों का कहना है कि मरीज के फेफड़े में दिक्कत थी। उसे सांस लेने में तकलीफ थी। इसके बावजूद वरिष्ठ डॉक्टर देखने नहीं पहुंचे। उधर, डाक्टरों का कहना है कि कोरोना को मात देने के बाद उसमें तमाम सारी दिक्कतें शुरू हो गईं। गंभीर अवस्था में मरीज को भर्ती कराया गया था। जरूरत पड़ने पर मरीज को वेंटिलेटर पर भी रखा गया। इलाज के दौरान मरीज की मौत हुई।

मौत पर भड़क उठे तीमारदार

मरीज की मौत पर तीमारदार भड़क उठे। कहा, डॉक्टरों ने मरीज को ब्लैक फंगस में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन नहीं दिया। इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टरों ने तीमारदारों को समझाने की कोशिश की। वह नहीं माने। मारपीट शुरू कर दी। आरोप है कि तीमारदारों ने डाक्टरों से अभद्रता व मारपीट की। कर्मचारियों से भी मारपीट की। कुर्सी व कांच तोड़ दिए। मरीजों के इलाज संबंधी दस्तावेज आदि भी फेंक दिए। इस दौरान वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। गंभीर मरीजों की सांसें अटक गई। करीब एक घंटे इलाज प्रभावित रहा। आनन-फानन मौके पर पुलिस पहुंची। किसी तरह मामला शांत कराया। केजीएमयू प्रशासन की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

डॉक्टर मरीजों को जरूरत के हिसाब से इंजेक्शन दे रहे हैं। किसी तीमारदार के कहने से इलाज की दिशा नहीं तय की जा सकती। ब्लैक फंगस पीडि़त मरीज को फेफड़ों में भी दिक्कत थी। डॉक्टरों की टीम मरीज का इलाज कर रही थी। इलाज में कोताही के आरोप बेबुनियाद हैं। चीफ प्राक्टर ने मारपीट करने वाले तीमारदारों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

डॉ। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू