लखनऊ (ब्यूरो)। पर्वतीय अंचन की अनुपम छटा के साथ उत्तरायणी कौथिग-2024 का शानदार आगाज रविवार को बेहद धूमधाम के साथ हुआ, जहां मुख्य अतिथि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पं। गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में किया। इस अवसर पर उत्तरायणी कौथिग का पर्वत गौरव सम्मान वरिष्ठ रंगकर्मी व राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित ललित सिंह पोखरिया को दिया गया। इससे पहले शोभा यात्रा महानगर से होते हुए आयोजन स्थल तक निकाली गई।

शोभा यात्रा निकाली गई

लखनऊ में उत्तरायणी कौथिग शोभा यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। शोभा यात्रा में भगवान श्रीरामचंद्र जी का रथ, बाबा बागनाथ की झांकी, नंदा राजजात यात्रा, महंत दिव्यागिरी का रथ व गढ़वाली कुमावंनी, जौनसारी व भारतीय भूतपूर्व सैनिकों का दल व उत्तराखंड का छोलिया कलाकरों का दल शोभा शामिल रहा। कल्याणपुर, गोमतीनगर, सरोजनीनगर, सीतापुर रोड, तेलीबाग व अन्य क्षेत्रों से आये सांस्कृतिक दलों ने भी इसमें हिस्सा लिया। महापौर सुषमा खर्कवाल के साथ पर्वतीय महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चंदोला, अध्यक्ष गणेष चंद जोशी आदि ने सामूहिक रूप से हरी झंडी दिखाकर शोभा यात्रा प्रारंभ की, जिसमें सबसे आगे भगवान बागनाथ जी मंदिर ज्योति का कलश था।

मैं हमेशा उपस्थित रहूंगा

शोभा यात्रा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद धार्मिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पं। नारायण दत्त पाठक व अन्य पुरोहितों द्वारा मंत्रोचारण के बीच यात्रा का स्वागत किया गया। वहीं, शाम के कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विशिष्ठ अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ। दिनेश शर्मा एवं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अपनी संस्कृति के बारे में अपने बच्चों को कैसे शिक्षा देनी है, यह पर्वतीय महापरिषद से सीखें। मैं भी आप ही के परिवार का हूं, क्योंकि मेरी बहू भी उत्तराखंड की है। जब उत्तराखंड राज्य बना तब भी मैं उत्तर प्रदेश का सीएम था। इस समय उत्तराखंड में सीएम धामी व उत्तर प्रदेश में सीएम योगी दोनों राज्यों के पेंडिग मामले निपटा रहे हैं। दोनों अच्छा कार्य कर रहे हैं। मैं हमेशा से पर्वतीय समाज के साथ रहा हूं और आगे भी रहूंगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं पर्वतीय समाज परिवार से जुड़ा हूं और जब भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं उपस्थित रहूंगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन

उत्तरायणी कौथिग में पर्वतीय महापरिषद के कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुति पेश की गयी, जिसमें झोड़ा नृत्य का भी आयोजन किया गया। जहां कलाकारों ने पारंपरिक उत्तराखंड के परिधान पहनकर प्रस्तुतियां दीं।