Lucknow News: लखनऊ (ब्यूरो)। यह जानकारी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रमुख डॉ। निवेदिता गुप्ता ने केजीएमयू द्वारा आयोजित माइक्रोकॉन-23 में दी। डॉ। निवेदिता गुप्ता ने कहा कि पहले चरण में वैक्सीन की सुरक्षा की जांच की गई। दूसरे में वैक्सीन से शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी देखी जाएगी। तीसरे चरण में देखा जाएगा कि वैक्सीन डेंगू के खिलाफ पुख्ता काम कर रही है या नहीं। ट्रायल के लिए हमारे पास 18 से 80 वर्ष की आयु के 10 हजार से अधिक लोग होंगे। इन्हें 20 अलग-अलग स्थानों पर अध्ययन में शामिल किया जाएगा।

अलग-अलग वैक्सीन होगी
प्रदेश में 2023 में अब तक 25 हजार से ज्यादा डेंगू मरीज मिले हैं। 2022 में 19,821 डेंगू के मरीज मिले थे। डॉ। निवेदिता ने बताया कि भारत में डेंगू का टीका बच्चों के लिए अलग और 18 साल से अधिक उम्र के लिए अलग तैयार हो रहा है। दो से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रॉयल पहले चरण में पूरा कर लिया गया है। इसे वयस्कों के लिए बनाने वाली दूसरी कंपनी ने दो चरणों का परीक्षण किया है। देश में डेंगू के लिए सीरो सर्वे किया जा चुका है। डेंगू का कोई इलाज नहीं है और इसके प्रसार को रोकने के प्रयास ज्यादा कारगर नहीं हुए हैं। कार्यक्रम में डॉ। शीतल वर्मा, डॉ। अमिता जैन समेत तमाम डॉक्टर मौजूद रहे।

लगातार मिल रहे मरीज
राजधानी में बीते छह दिनों में डेंगू के 162 मरीज आ चुके हंै। जबकि, जनवरी से अबतक दो हजार से अधिक मरीज मिले हैं। ठंड बढऩे के बावजूद डेंगू के प्रकोप में कमी नहीं आ रही है। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि जल्द ही डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी आएगी।

ये हैं डेंगू के लक्षण
- सिर में दर्द
- जी मिचलाना
- मांसपेशियों में दर्द
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- उल्टी लगना
- आंखों के पीछे दर्द
- तेज बुखार