लखनऊ (ब्यूरो)। वार्डों में होने वाले विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने और गुणवत्ता का पता लगाने के लिए अब हर वार्ड में विकास कार्यों की स्कैनिंग किए जाने का निर्णय लिया गया है। पिछले एक दो साल में जो भी विकास कार्य कराए गए हैैं, उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया जाएगा। जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि निधि के अनुसार कितने विकास कार्य हुए हैैं या कितने ऐसे कार्य हैैं, जो अभी पाइपलाइन में हैैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विकास कार्यों से जुड़ी सही तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।

चार किश्तों में जारी होती है निधि

वार्डों में छोटे-छोटे विकास कार्यों के लिए वार्ड विकास निधि जारी की जाती है। इस निधि के अंतर्गत वार्ड पार्षद की ओर से अपने वार्ड में जो विकास कार्य कराए जाने होते हैैं, उसकी डिटेलिंग नगर निगम में दी जाती है। इसके बाद नगर निगम की ओर से उस डिटेलिंग के आधार पर विकास कार्य कराए जाते हैैं। विकास कार्य हो जाने के बाद संबंधित ठेकेदार को धनराशि जारी हो जाती है।

वार्डों में ये होते हैैं विकास कार्य

1-रोड मेंटीनेंस

2-स्ट्रीट लाइट मेंटीनेंस

3-मैनहोल मेंटीनेंस

4-नाली निर्माण

5-पार्क मेंटीनेंस

6-सबमर्सिबल लगाया जाना

7-सबमर्सिबल मेंटीनेंस

इस निधि से भी होते हैैं कार्य

वार्ड विकास निधि समाप्त होने के बाद अगर पार्षद को लगता है कि वार्ड में और भी विकास कार्य कराए जाने हैैं तो उस कंडीशन में 15वें वित्त या फिर अवस्थापना निधि से कार्य कराए जाते हैैं। इसके साथ ही महापौर अपनी निधि या नगर आयुक्त निधि के माध्यम से भी विकास कार्य कराए जा सकते हैैं।

इस तरह बनेगी रिपोर्ट

जो रिपोर्ट बनाई जाएगी, उसमें देखा जाएगा कि वार्ड में किस स्थान पर नई रोड का निर्माण कराया गया है और उसकी स्थिति क्या है। लाइट कहां कहां पर लगी हैैं और अब कहां पर जरूरत है। सफाई उपकरणों की क्या स्थिति है और कितने नए सफाई उपकरण चाहिए। नई नालियां कहां बनाए जाने की जरूरत है और कौन सा पार्क बदहाली का शिकार है। इसके बाद यह देखा जाएगा कि पूर्व में जो धनराशि जारी हुई, उसमें से उक्त बिंदुओं पर कितना खर्च हुआ। कई बार देखने में आता है कि बजट की कमी के कारण भी विकास कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पाते हैैं।

सदन में हुआ है निर्णय

हाल में ही आयोजित सदन में पार्षदों की ओर से वार्ड विकास निधि को बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। इस पर शहर सरकार की ओर से निर्णय लिया गया कि देश के अन्य निगमों में उक्त व्यवस्था को देखा जाएगा फिर उसके आधार पर निधि बढ़ाए जाने संबंधी फैसला लिया जाएगा।

पब्लिक को होगा फायदा

शहर सरकार की ओर से लिए गए इस निर्णय से वार्ड की जनता को भी सीधा फायदा होगा। वार्ड की जनता भी बता सकेगी कि उनके वार्ड में कहां पर विकास कार्य कराए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही वार्ड पार्षद भी बता सकेंगे कि किन विकास कार्यों में रफ्तार की जरूरत है। वहीं एक फायदा यह भी है कि अगर कहीं रोड पहले बन गई होगी तो दोबारा उस स्थान पर नई रोड का प्रस्ताव नहीं बन सकेगा बल्कि मेंटीनेंस मद में कदम उठाए जाएंगे।